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This Article is From Jul 07, 2017

पाकिस्तान से लौटी गीता इंदौर में लापता, पुलिस ने आधे घंटे में खोज निकाला

गैर सरकारी संस्था मूक-बधिर संगठन के गुमाश्ता नगर स्थित आवासीय परिसर से गायब हो गई थी

पाकिस्तान से लौटी गीता इंदौर में लापता, पुलिस ने आधे घंटे में खोज निकाला
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ गीता (फाइल फोटो).
इंदौर: गलती से सीमा लांघने के बाद पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारकर भारत लौटी  मूक-बधिर युवती गीता के गुरुवार को यहां रहस्यमय हालात में करीब 30 मिनट तक लापता रहने का मामला सामने आया है.

स्वदेश वापसी के बाद गीती मूक-बधिरों के लिए चलाई जा रही एक स्थानीय गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में प्रशासन की देख-रेख में पिछले 20 महीने से रह रही है, क्योंकि उसके परिवार को अब तक नहीं खोजा जा सका है.

पुलिस के एक आला अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गैर सरकारी संस्था मूक-बधिर संगठन के गुमाश्ता नगर स्थित आवासीय परिसर से गीता गुरुवार, छह जुलाई को दोपहर चार बजे के आस-पास लापता हो गई. यह सूचना मिलने पर युवती की तस्वीर फौरन पुलिस कर्मियों तक पहुंचाई गई और नजदीकी इलाकों में उसकी तलाश शुरू की गई.

अधिकारी ने बताया कि पुलिस के त्वरित प्रयासों के कारण गीता को उसके लापता होने के आधे घंटे के भीतर चंदन नगर थाना क्षेत्र में सही-सलामत ढूंढ निकाला गया. यह स्थान मूक-बधिर संगठन के उस आवासीय परिसर से करीब तीन किलोमीटर दूर है, जहां से गीता लापता हुई थी.

बहरहाल, अभी यह रहस्य बना हुआ है कि गीता किन हालात में लापता हुई. वस्तुस्थिति जानने के लिए मूक-बधिर संगठन की संचालक मोनिका पंजाबी वर्मा से संपर्क की कोशिश की गई. लेकिन कई प्रयासों के बावजूद उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी. इस बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी निशांत वरवड़े ने कहा कि उन्हें गीता के कुछ देर के लिए लापता होने के मामले की जानकारी जरूर मिली है, लेकिन वह फिलहाल इंदौर से बाहर हैं, और तथ्यों की पूरी तसदीक के बाद ही मामले में कोई टिप्पणी कर सकेंगे.

गीता 7-8 साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. गलती से सरहद पार पहुंचने वाली इस मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था.

पाकिस्तान में 10 साल से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद गीता 26 अक्तूबर 2015 को भारत वापस लौटी थी. इसके अगले दिन उसे इंदौर में मूक-बधिरों के लिए चलाई जा रही गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में भेज दिया गया था. वह इस परिसर में तब तक रहेगी, जब तक सरकार उसके परिवार को खोज नहीं लेती.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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