पत्रकार कल्पेश याग्निक ने 12 जुलाई को अखबार के दफ्तर की छत पर से कूदकर खुदकुशी कर ली थी (फाइल फोटो).
इंदौर:
वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने उनकी एक पूर्व सहकर्मी के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शैलेंद्र सिंह चौहान ने "पीटीआई-भाषा" के पूछे जाने पर पुष्टि की कि 55 वर्षीय याग्निक के परिजनों के बयान और मामले की शुरुआती जांच के आधार पर एक महिला पत्रकार के खिलाफ शहर के एमआईजी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य सम्बद्ध धाराओं के तहत पंजीबद्ध किया गया है.
कल्पेश याग्निक प्रमुख हिन्दी अखबार दैनिक भास्कर के समूह संपादक थे. उन्होंने इस अखबार की शहर के एबी रोड स्थित तीन मंजिला इमारत की छत से 12 जुलाई की रात में छलांग लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. चौहान ने बताया कि यह महिला पत्रकार पहले याग्निक के अखबार में ही काम करती थी. आरोप है कि अखबार की नौकरी से निकाले जाने के बाद वह याग्निक को मानसिक तौर पर परेशान कर रही थी जिससे वह तनाव में चल रहे थे. उन्होंने बताया, "महिला पत्रकार को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया है. हम मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं.’’
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गौरतलब है कि याग्निक ने अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा से मिलकर उन्हें आपबीती सुनाई थी कि महिला पत्रकार उन्हें कथित तौर पर धमका रही है. शर्मा इस बात की पहले ही तस्दीक कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान याग्निक ने उन्हें बताया था कि महिला पत्रकार उन्हें धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने उसे अखबार की नौकरी पर बहाल नहीं कराया, तो वह उन्हें झूठे मामले में फंसाकर बदनाम कर देगी.
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एडीजी के मुताबिक मुलाकात के दौरान याग्निक ने उनसे यह अनुरोध भी किया था कि अगर महिला पत्रकार पुलिस को उनके खिलाफ कोई शिकायत करती है, तो इस शिकायत पर किसी तरह का कानूनी कदम उठाए जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाए. शर्मा ने कहा कि याग्निक ने अपने इस अनुरोध को लेकर उन्हें हालांकि एक औपचारिक आवेदन पत्र भी सौंपा था. "लेकिन तब उन्होंने संबंधित महिला पत्रकार के खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस से नहीं की थी."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शैलेंद्र सिंह चौहान ने "पीटीआई-भाषा" के पूछे जाने पर पुष्टि की कि 55 वर्षीय याग्निक के परिजनों के बयान और मामले की शुरुआती जांच के आधार पर एक महिला पत्रकार के खिलाफ शहर के एमआईजी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य सम्बद्ध धाराओं के तहत पंजीबद्ध किया गया है.
कल्पेश याग्निक प्रमुख हिन्दी अखबार दैनिक भास्कर के समूह संपादक थे. उन्होंने इस अखबार की शहर के एबी रोड स्थित तीन मंजिला इमारत की छत से 12 जुलाई की रात में छलांग लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. चौहान ने बताया कि यह महिला पत्रकार पहले याग्निक के अखबार में ही काम करती थी. आरोप है कि अखबार की नौकरी से निकाले जाने के बाद वह याग्निक को मानसिक तौर पर परेशान कर रही थी जिससे वह तनाव में चल रहे थे. उन्होंने बताया, "महिला पत्रकार को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया है. हम मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं.’’
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गौरतलब है कि याग्निक ने अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा से मिलकर उन्हें आपबीती सुनाई थी कि महिला पत्रकार उन्हें कथित तौर पर धमका रही है. शर्मा इस बात की पहले ही तस्दीक कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान याग्निक ने उन्हें बताया था कि महिला पत्रकार उन्हें धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने उसे अखबार की नौकरी पर बहाल नहीं कराया, तो वह उन्हें झूठे मामले में फंसाकर बदनाम कर देगी.
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एडीजी के मुताबिक मुलाकात के दौरान याग्निक ने उनसे यह अनुरोध भी किया था कि अगर महिला पत्रकार पुलिस को उनके खिलाफ कोई शिकायत करती है, तो इस शिकायत पर किसी तरह का कानूनी कदम उठाए जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाए. शर्मा ने कहा कि याग्निक ने अपने इस अनुरोध को लेकर उन्हें हालांकि एक औपचारिक आवेदन पत्र भी सौंपा था. "लेकिन तब उन्होंने संबंधित महिला पत्रकार के खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस से नहीं की थी."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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