
मध्य प्रदेश/सागर: बरसात का मौसम आते ही मध्य प्रदेश प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में सैलानियों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. राज्य के सबसे बड़े सागर के नौरादेही अभयारण्य में बरसात के मौसम के चलते जंगल सफारी बंद रहेगी. 30 जून से नोरदेही अभ्यारण के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. पूरे तीन महीने तक नौरादेही अभयारण्य में जंगल सफारी पर प्रतिबंध रहेगा. एक अक्टूबर के बाद नौरादेही सैलानियों के लिए खोला जाएगा. जिसके बाद पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे.
बरसात का मौसम शुरू होते ही प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में बारिश का सैलानियों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. वन्यजीवों के मिलन के सीजन और जंगल के दुर्गम मार्गों की वजह से वन विभाग ऐसा करता है. यह पाबंदी तीन माह तक रहेगी. बरसात के समय जंगल की निगरानी उतनी मुस्तैदी से नहीं हो पाती, जितनी अन्य मौसम के महीनों में होती है. जंगल में घास और झाडियों के घने होने और बरसाती नालों झरनों की वजह से फिसलन बढ़ने से यहां दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है और दायरे में स्थित गांव के लोगों की आवाजाही भी रुक जाती है.
नौरादेही अब प्रदेश का 7वां टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल सकता है. राज्य सरकार के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड ने मुहर लगा दी है. साथ ही एमपी देश के सर्वाधित टाइगर रिजर्व वाला राज्य भी बन जाएगा. नौरादेही अभयारण्य बनने से वन्यप्राणी संरक्षण के संसाधनों के साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा.
देश में अभी 53 टाइगर रिजर्व हैं, नौरादेही 54वां नेशनल पार्क होगा.नौरादेही अभयारण्य न केवल क्षेत्रफल के लिहाज से, बल्कि जैव विविधता में भी सबसे संपन्न अभयारण्य है. 1197 वर्ग किमी में सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों की सीमा में विस्तारित अभयारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने से अब व्यापक बदलाव आएंगे.
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