पुलिस ने मामले में दो कथित आरोपियों को गिरफ्तार किया है
भोपाल:
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक पुलिस कॉन्स्टेबल की दिवाली की रात ड्यूटी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर दो संदिग्ध बदमाशों को हिरासत में ले लिया है. छतरपुर कोतवाली थाने में तैनात 38 साल के कॉन्स्टेबल बालमुकुंद प्रजापति का शव शुक्रवार सुबह परवारी मोहल्ले में गलबली सेठ के घर के पीछे पड़ा मिला. पुलिस का कहना है कि दिवाली की रात दो बदमाश नितिन कुशवाहा उर्फ पप्पू और अनिकेत द्विवेदी उर्फ जोंटी के पास देसी कट्टा होने की सूचना मिली थी. इस सूचना के आधार पर बालमुकुंद दोनों को पकड़ने के लिए गया था. तभी झूमाझटकी में बालमुकुंद को गोली मार दी गई.
मामले की जांच के लिये पहुंचे डीआईजी के सी जैन ने कहा बालमुकुंद को सूचना मिली थी कि दो हथियारबंद लोग वहां घूम रहे हैं. एक संदिग्ध को परवारी मोहल्ले में पहचानाने के बाद बालमुकुंद ने उसके पीछा किया लेकिन दोनों ने उसे गोली मार दी और भाग खड़े हुए. दोनों आरोपियों को को टीकमगढ़ जिले के ओरछा से हिरासत में ले लिया गया है. ओरछा थाने पर ही दोनों से पूछताछ की जा रही है.
बालमुकुंद को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, इस मौके पर पुलिस के कई आला अधिकारी मौजूद थे. वैसे बालमुकुंद की हत्या में फिलहाल कई पेंच हैं, मसलन थाने से निकली पुलिस टीम तितर-बितर क्यों हो गई जबकि पुलिसर्मियों को पता था कि बदमाशों के पास असलहा है तो पुलिस पूरी तैयारी से क्यों नहीं गई.
बहरहाल एक महीने में मध्य प्रदेश में ये तीसरे पुलिसकर्मी की मौत है. दो ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या की जबकि तीसरे की हत्या हुई जिससे हमारी सुरक्षा में सदैव लगे पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर भी कई सवाल हैं.
मामले की जांच के लिये पहुंचे डीआईजी के सी जैन ने कहा बालमुकुंद को सूचना मिली थी कि दो हथियारबंद लोग वहां घूम रहे हैं. एक संदिग्ध को परवारी मोहल्ले में पहचानाने के बाद बालमुकुंद ने उसके पीछा किया लेकिन दोनों ने उसे गोली मार दी और भाग खड़े हुए. दोनों आरोपियों को को टीकमगढ़ जिले के ओरछा से हिरासत में ले लिया गया है. ओरछा थाने पर ही दोनों से पूछताछ की जा रही है.
बालमुकुंद को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, इस मौके पर पुलिस के कई आला अधिकारी मौजूद थे. वैसे बालमुकुंद की हत्या में फिलहाल कई पेंच हैं, मसलन थाने से निकली पुलिस टीम तितर-बितर क्यों हो गई जबकि पुलिसर्मियों को पता था कि बदमाशों के पास असलहा है तो पुलिस पूरी तैयारी से क्यों नहीं गई.
बहरहाल एक महीने में मध्य प्रदेश में ये तीसरे पुलिसकर्मी की मौत है. दो ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या की जबकि तीसरे की हत्या हुई जिससे हमारी सुरक्षा में सदैव लगे पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर भी कई सवाल हैं.
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