केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को हटाए जाने का राज्य के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने स्वागत किया है. पांसे की गिनती मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों में होती है. पीएचई मंत्री पांसे ने गुरुवार रात बैतूल में संवाददाताओं से बातचीत में केन्द्र सरकार के कदम का समर्थन करते हुए देशहित में लिए जाने वाले फैसले का स्वागत किया और साथ ही कहा, "यह फैसला सभी को साथ लेकर होना चाहिए था. आज यदि जम्मू और कश्मीर भारत में है तो इसका पूरा श्रेय कांग्रेस पार्टी और तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को जाता है. उन्होंने तत्कालीन परिस्थितियों में देशहित में फैसला लेते हुए कश्मीर को भारत के साथ मिलाया था."
पांसे ने कहा, "राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और कांग्रेस पार्टी ने देश को अंग्रेजों से मुक्त कराकर आजादी दिलाई. इसके बाद जम्मू एवं कश्मीर के राजा हरिसिह से संधि कर जम्मू एवं कश्मीर का भारत में विलय किया. उस समय हालात ऐसे थे कि यदि प्रधानमंत्री नेहरू अनुच्छेद 370 नहीं लगाते तो जम्मू एवं कश्मीर का भारत के साथ विलय ही नहीं हो पाता. उस समय पहली प्राथमिकता राज्य का भारत के साथ विलय होना था. इसलिए तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए अस्थाई रूप से अनुच्छेद 370 लगाकर कश्मीर को भारत के पक्ष में किया गया था. जो उस समय की परिस्थिति के अनुसार देशहित में था."
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अनुच्छेद 370 पर केंद्र के कदम का स्वागत किया था. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया था.
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