कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
भोपाल:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कुछ दिनों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावी दंगल में उतर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो इन दोनों राज्यों में भी पार्टी सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ लौटती दिख सकती है. गुजरात चुनावों के दौरान राहुल गांधी ने कई मंदिरों का दौरा किया. अब मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ चुनावों में भी कांग्रेस प्रमुख मंदिरों के दौरे की योजना बना रहे हैं. शुरुआत होगी महाकाल उज्जैन या दतिया पीतांबरी मां के मंदिर से. सूत्रों के मुताबिक बकायदा ऐसे 10 मंदिरों की सूची मंगवाई गई है. मध्यप्रदेश कांग्रेस हालांकि सीधे तौर पर खबर को स्वीकार नहीं रही है. पार्टी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि राहुल गांधी पहले भी मंदिर जाते रहे हैं, दर्शन का मन होगा तो जाएंगे. राहुल गांधी को लिस्ट की आवश्यकता नहीं है, वो राज्य के लिए नए नहीं हैं, क्योंकि उन्हें यहां के भूगोल, इतिहास, धार्मिक स्थानों की पूरी जानकारी है. भ्रमण भी करेंगे, लोगों से मिलेंगे भी.
यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश : किसानों ने बताई अपनी परेशानी तो अफसर ने कहा, खेती छोड़कर बन जाओ मजदूर
बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस को मंदिर-मंदिर दौड़कर भी मध्यप्रदेश में न जनता का आशीर्वाद मिलेगा, ना जनार्दन का. पार्टी ने तो सीधे कहा कि अगर राहुल राममंदिर के लिए एक पत्थर तराशें तो उन्हें राम भक्त मान लिया जाएगा. पार्टी प्रवक्ता डॉ हितेष बाजपेयी ने कहा कि वो किसी मंतव्य से जाते हैं, जब लोगों की सुख शांति के लिए जाते हैं तो सब मिलता है. लालच के लिए जाते हैं तो तामसिक यात्रा है, जनता भी नकारेगी, भगवान भी. हमने राममंदिर का समर्थन किया तो खुलकर किया, राहुल गांधी एक पत्थर तराशकर वहां पहुंचा दें तो सच्चा रामभक्त मान लूंगा.
VIDEO : खुफिया रिपोर्ट ने खड़ी कर दी शिवराज सरकार के सामने मुश्किल!
गुजरात चुनावों के दौरान राहुल गांधी 27 मंदिरों में गए थे, जिन सीटों पर ये मंदिर हैं उसमें से तकरीबन 18 बीजेपी की झोली में गिरे. मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में साल के आखिर में चुनाव है. लगभग 15 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस की पुरजोर कोशिश है कि वो दोनों राज्यों में वापसी करे. शायद पार्टी को लगता है कि इसके लिए मंदिर दौड़ सबसे मुफीद है.
यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश : किसानों ने बताई अपनी परेशानी तो अफसर ने कहा, खेती छोड़कर बन जाओ मजदूर
बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस को मंदिर-मंदिर दौड़कर भी मध्यप्रदेश में न जनता का आशीर्वाद मिलेगा, ना जनार्दन का. पार्टी ने तो सीधे कहा कि अगर राहुल राममंदिर के लिए एक पत्थर तराशें तो उन्हें राम भक्त मान लिया जाएगा. पार्टी प्रवक्ता डॉ हितेष बाजपेयी ने कहा कि वो किसी मंतव्य से जाते हैं, जब लोगों की सुख शांति के लिए जाते हैं तो सब मिलता है. लालच के लिए जाते हैं तो तामसिक यात्रा है, जनता भी नकारेगी, भगवान भी. हमने राममंदिर का समर्थन किया तो खुलकर किया, राहुल गांधी एक पत्थर तराशकर वहां पहुंचा दें तो सच्चा रामभक्त मान लूंगा.
VIDEO : खुफिया रिपोर्ट ने खड़ी कर दी शिवराज सरकार के सामने मुश्किल!
गुजरात चुनावों के दौरान राहुल गांधी 27 मंदिरों में गए थे, जिन सीटों पर ये मंदिर हैं उसमें से तकरीबन 18 बीजेपी की झोली में गिरे. मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में साल के आखिर में चुनाव है. लगभग 15 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस की पुरजोर कोशिश है कि वो दोनों राज्यों में वापसी करे. शायद पार्टी को लगता है कि इसके लिए मंदिर दौड़ सबसे मुफीद है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं