मध्यप्रदेश में सीधी जिले के कलेक्टर अभिषेक सिंह ने बुधवार को जिला अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए जिले के करीब 500 एनीमिक बच्चों को लेकर उनके परिजन पहुंचे थे. इनमें से करीब 400 बच्चों को जिला अस्पताल और नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. वहीं, 100 बच्चों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पाया. कई बच्चों की हालत बिगड़ने लगी जिसका जानकारी कलेक्टर अभिषेक सिंह को दी गई. मौके पर पहुंचे कलेक्टर ने सभी बच्चों को अपने बंगले में भेज दिया और उनके परिजनों के रहने और खाने पीने की व्यवस्था की. अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कलेक्टर को बताया गया कि अस्पताल में विशेषक डॉक्टरों की कमी है जिसके बाद कलेक्टर ने संभागायुक्त से चर्चा करके रीवा से करीब 6 टेक्नीशियन को बुलाया.
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— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) July 18, 2019
बीते दिनों मध्य प्रदेश के दमोह में जिला अस्पताल से भी हैरान करने वाली खबर आई थी. यहां जिला अस्पताल में एक 8 साल के बच्चे की बल्ड नहीं मिलने के कारण मौत हो गई थी. बच्चे के परिजनों ने इस संबंध में गुस्ता जाहिर करते हुए कहा था कि हमने ब्लड के लिए ब्लड बैंक में 1200 रुपये जमा किए थे, लेकिन उन्होंने हमे ब्लड नहीं दिया. बच्चे की मां ने लोगों से भी ब्लड देने की अपील की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई और उसकी मौत हो गई.
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इस अस्पताल की सर्जन डॉ. ममता तिमोरी ने इस संबंध में कहा था कि शुरू से ही उसकी हालत गंभीर थी. डॉक्टरों ने उसे दूसरे अस्पताल में रेफर करने के लिए कहा था. लेकिन बच्चे के परिजन वहां से नहीं गए. हम ब्लड बैंक के स्टाफ से पूछताछ कर रहे हैं.
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