छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस बल (Chhattisgarh State Police Force) ने 13 ट्रांसजेंडर कांस्टेबलों की भर्ती की है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. यह देश के अभी भी हाशिए पर रहने वाले समुदाय से इस तरह की सबसे बड़ी भर्ती है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साल 2014 में देश में ट्रांसजेंडर समुदाय को मान्यता दी थी. यह 13 कांस्टेबल दो अन्य जाने-माने ट्रांसजेंडर अफसरों के साथ पुलिस बल जॉइन करेंगे.
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डीएम अवस्थी ने इस बारे में कहा, 'हमने पहली बार ट्रांसजेंडर लोगों को कांस्टेबल के तौर पर भर्ती किया है और मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें बधाई देता हूं.' बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले के तीन साल बाद यानी साल 2017 में तमिलनाडु पहला ऐसा राज्य बना था, जहां एक ट्रांसजेंडर की भर्ती की गई थी.
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शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद इस समुदाय को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. कई ट्रांसजेंडर्स को अपना घर छोड़ना पड़ा. उनके साथ बदसलूकी व शोषण की खबरें भी मिलती रहती हैं. उन्हें जिस्मफरोशी और भीख मांगने के पेशे में भी उतारा जाता है.
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कई राज्यों की सरकारों ने इस समुदाय को आगे बढ़ाते हुए मदद की है. पुलिस बल में उनकी भर्ती इसी का एक उदाहरण है. बिहार ने भी जनवरी में घोषणा की थी कि वह अपने पुलिस बल में हर 500 में से एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को भर्ती करेगा.
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