
Jyotiraditya Scindia Returns To Gwalior: पांच महीने पहले कांग्रेस छोड़ने के बाद ग्वालियर में शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हुंकार भरी. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बीजेपी के लिये तीन दिवसीय सदस्यता अभियान शुरू करने के लिए सिंधिया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत पार्टी के आला नेता शनिवार को ग्वालियर में थे, हालांकि ये मौका विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए भी एक शक्ति प्रदर्शन साबित हुआ. ग्वालियर में सिंधिया के आगमन के विरोध में सैकड़ों कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तीन स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया. वैसे कोरोना महामारी के दौर में दोनों पार्टियों के शक्ति प्रदर्शन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और महामारी के सारे प्रोटोकॉल के नेताओं ने तोड़ दिया.
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इस मौके पर पूर्व मंत्री लखन सिंह यादव सहित दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को सिंधिया को काले झंडे दिखाने की कोशिश करने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया, हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए, बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके बालेंदु शुक्ला ने भी ग्वालियर के दूसरे हिस्से में गिरफ्तारी दी . इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के साथ सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की. ग्वालियर चंबर की 16 विधानसभा सीटों पर आने वाले महीनों में उपचुनाव होंगे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिवराज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार कहने वाले कांग्रेसियों से उल्टा सवाल पूछ लिया कि मोतीलाल नेहरू और सुभाषचंद्र बोस ने भी एक जमाने में कांग्रेस छोड़ी थी. क्या कांग्रेस उन्हें भी गद्दार मानती है. सीएम ने आगे कहा कि कांग्रेस में परिवार की भक्ति की परंपरा है. जो ऐसा नहीं करता, उसे गद्दार कहा जाता है. शिवराज ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस चौधरी चरण सिंह से लेकर एनडी तिवारी और ममता बनर्जी को भी अन्य राजनीतिक संगठनों के गठन के लिए .. कांग्रेस छोड़ने के लिए गद्दार मानती है.
इस मौके पर सिंधिया के गले में मौजूद तिरंगा दुपट्टे पर भी कांग्रेस ने तंज किया, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि उनके अंदर शायद अभी भी कसक बाकी है. शर्मा ने सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तस्वीर ट्वीट कर लिखा, “महाराज ने पार्टी भले ही बदल ली है , लेकिन गमछा नहीं बदला है। कुछ कसक अभी भी बाकी है शायद!!” सिंधिया ने मप्र में अपनी पुरानी पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ तीखा हमला किया। उन्होंने कहा भोपाल में राज्य सचिवालय 15 महीने के कांग्रेस शासन के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के केंद्र में बदल गया था. ” सिंधिया ने कहा, "कांग्रेस को जो पसंद है उसे कहने दो, लेकिन वास्तविकता यह है कि मैंने पार्टी छोड़ दी और राज्य के लोगों की सेवा करने के लिए सरकार से समर्थन वापस ले लिया."
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उन्होंने कहा कि इस अंचल ने सर्वाधिक सीटें देकर कमलनाथ को सीएम बनाया लेकिन उन्होंने कभी यहां की शक्ल भी नहीं देखी. उनकी सरकार ने गली-गली में भ्रष्टाचार बहा दिया. सिंधिया ने कहा कि मैं उस परिवार से हूं जो व्यक्तिगत पद के लिए नहीं बल्कि जनता के मान सम्मान के लिए झंडा और डंडा उठाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय दो सीएम थे एक बाहर से एक अंदर से. उनका इशारा दिग्विजय सिंह की तरफ था.राज्य में आगामी महीनों में 27 विधानसभा उपचुनाव होंगे, जिनमें से 16 ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में होंगे.
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