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This Article is From Sep 28, 2017

मध्यप्रदेश कांग्रेस में बल्ला घुमा रहे हैं तीन 'कप्तान', बड़ा सवाल किसे मिलेगी कमान?

मध्‍य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कमलनाथ ने कहा है कि चुनावों में पार्टी की कमान ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया संभालेंगे.

मध्यप्रदेश कांग्रेस में बल्ला घुमा रहे हैं  तीन 'कप्तान',  बड़ा सवाल किसे मिलेगी कमान?
ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया (फाइल फोटो)
भोपाल: मध्‍य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कमलनाथ ने कहा है कि चुनावों में पार्टी की कमान ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया संभालेंगे. जबकि दो बार मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह का कहना है कि पहले सरकार बन जाए फिर तय हो जाएगा कि कमान किसके हाथ होगी. वहीं, सिंधिया का कहना है वो किसी के साथ भी काम कर सकते हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के तीन बड़े खिलाड़ी 46 साल के ज्योतिरादित्य सिंधिया, 70 साल के कमलनाथ और दिग्विजय सिंह. ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ, खुद को मध्यप्रदेश का कप्तान बनाने के नाम पर फ्रैंडली मैच खेल रहे हैं. गुणा में कमलनाथ ने कहा आप अखबार देख लीजिये मैंने 20-25 दिन पहले कहा है कि सिंधिया जी को कप्तान बना देना चाहिये. 

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इस मुद्दे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “मैंने मैंने हमेशा यह बोला है और माना है कि कांग्रेस एकजुट है. मध्यप्रदेश में समय की मांग है कि जो भाजपा की भ्रष्ट और किसान विरोधी सरकार है उसे जड़ से उखाड़ फेंक देना चाहिए. इसके लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में कार्य कर रहे है कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, पचौरी जी या अरुण यादव हो हम सब साथ में मिलकर कार्य कर रहे हैं. कमलनाथ जी का नाम आए चाहे किसी अन्य व्यक्ति का नाम आए सब एक साथ हैं. कमलनाथ जी मेरे आदर्श हैं और उनके पास लंबी राजनीति का अनुभव है, इसलिए उनके नेतृत्व में भी काम करने में मुझे कोई कठिनाई नहीं है.”
       
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वहीं, 6 महीने तक 3400 किलोमीटर की नर्मदा यात्रा पर निकलने वाले दिग्विजय सिंह को लगता है फैसला थर्ड अंपायर यानी आलाकमान करेगा. दिग्विजय ने रायपुर में कहा कि पार्टी में सोनिया जी और राहुल गांधी जो तय कर देते हैं उसे कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता मानते हैं. वैसे कांग्रेस से जो भी नेता मैदान में उतरेगा, उसके सामने मुकाबले के लिये शिवराज सिंह चौहान होंगे. बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में बीजेपी के 165 विधायक हैं, जबकि 58 कांग्रेस के, 4 बसपा और 3 अन्य के खाते में हैं.
   
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दिग्विजय सिंह नर्मदा परिक्रमा से वोट निकालना चाह रहे हैं,  बीजेपी का कहना कि दिग्गी उनके लिये खतरा नहीं. बीजेपी प्रवक्ता डॉ हितेष वाजपेयी ने इस संबंध में कहा, “दिग्विजय सिंह के बाद कमलनाथ ने एक स्मार्ट निर्णय लिया है. कमलनाथ एक परखे हुए वरिष्ठ व पुराने कांग्रेस नेता हैं. उन्होंने एक दूरदर्शी दृष्टिकोण से आने वाली कांग्रेस की हार को महसूस कर लिया है और अपने आप को कांग्रेस की इस आने वाली हार से अलग कर लिया है. मैं इस प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष-पलायन के रूप में परिभाषित कर सकता हूं. दिग्विजय सिंह ने छुट्टी लेकर और कमलनाथ ने सिंधिया का नाम आगे कर वक्त की नजाकत भांपते हुए एक स्मार्ट राजनैतिक निर्णय लिया है.”

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मध्‍य प्रदेश में वर्ष 2003 से बीजेपी लगातार सत्‍ता में है. कांग्रेस इस बार जुगत लगा रही है. मंदसौर और दूसरे मुद्दों से सरकार मुश्किल में भी है, लेकिन ये भी सच है कि प्रदेश के नेताओं की आपसी कलह से निपटना उसके लिये विरोधियों से पार पाने से ज्यादा मुश्किल है.
 

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