
ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
आगामी विधानसभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया संभाल सकते हैं पार्टी की कमान
कमलनाथ ने कहा कि पार्टी की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया संभालेंगे.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पार्टी जो भी फैसला लेगी वो मंजूर है
यह भी पढ़ें: CM शिवराज ने प्रवासी भारतीयों से की अपील, बोले- मप्र के विकास में भागीदार बनें
इस मुद्दे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “मैंने मैंने हमेशा यह बोला है और माना है कि कांग्रेस एकजुट है. मध्यप्रदेश में समय की मांग है कि जो भाजपा की भ्रष्ट और किसान विरोधी सरकार है उसे जड़ से उखाड़ फेंक देना चाहिए. इसके लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में कार्य कर रहे है कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, पचौरी जी या अरुण यादव हो हम सब साथ में मिलकर कार्य कर रहे हैं. कमलनाथ जी का नाम आए चाहे किसी अन्य व्यक्ति का नाम आए सब एक साथ हैं. कमलनाथ जी मेरे आदर्श हैं और उनके पास लंबी राजनीति का अनुभव है, इसलिए उनके नेतृत्व में भी काम करने में मुझे कोई कठिनाई नहीं है.”
यह भी पढ़ें: शिवराज सिंह चौहान के एक और मंत्री पर लगा कुर्सी के दुरुपयोग का आरोप
वहीं, 6 महीने तक 3400 किलोमीटर की नर्मदा यात्रा पर निकलने वाले दिग्विजय सिंह को लगता है फैसला थर्ड अंपायर यानी आलाकमान करेगा. दिग्विजय ने रायपुर में कहा कि पार्टी में सोनिया जी और राहुल गांधी जो तय कर देते हैं उसे कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता मानते हैं. वैसे कांग्रेस से जो भी नेता मैदान में उतरेगा, उसके सामने मुकाबले के लिये शिवराज सिंह चौहान होंगे. बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में बीजेपी के 165 विधायक हैं, जबकि 58 कांग्रेस के, 4 बसपा और 3 अन्य के खाते में हैं.
यह भी पढ़ें: अभी भी दिख रहा नोटबंदी का असर, मध्य प्रदेश में कचरे के ढेर में मिलीं पुराने नोटों की कतरनें
दिग्विजय सिंह नर्मदा परिक्रमा से वोट निकालना चाह रहे हैं, बीजेपी का कहना कि दिग्गी उनके लिये खतरा नहीं. बीजेपी प्रवक्ता डॉ हितेष वाजपेयी ने इस संबंध में कहा, “दिग्विजय सिंह के बाद कमलनाथ ने एक स्मार्ट निर्णय लिया है. कमलनाथ एक परखे हुए वरिष्ठ व पुराने कांग्रेस नेता हैं. उन्होंने एक दूरदर्शी दृष्टिकोण से आने वाली कांग्रेस की हार को महसूस कर लिया है और अपने आप को कांग्रेस की इस आने वाली हार से अलग कर लिया है. मैं इस प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष-पलायन के रूप में परिभाषित कर सकता हूं. दिग्विजय सिंह ने छुट्टी लेकर और कमलनाथ ने सिंधिया का नाम आगे कर वक्त की नजाकत भांपते हुए एक स्मार्ट राजनैतिक निर्णय लिया है.”
VIDEO: सीएम शिवराज का 'दिल से' कार्यक्रम सुनने के लिए खरीदें रेडियो
मध्य प्रदेश में वर्ष 2003 से बीजेपी लगातार सत्ता में है. कांग्रेस इस बार जुगत लगा रही है. मंदसौर और दूसरे मुद्दों से सरकार मुश्किल में भी है, लेकिन ये भी सच है कि प्रदेश के नेताओं की आपसी कलह से निपटना उसके लिये विरोधियों से पार पाने से ज्यादा मुश्किल है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं