प्रतीकात्मक फोटो.
भोपाल:
आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने मध्यप्रदेश सरकार को गौ-मूत्र 5 रुपये प्रति लीटर खरीदने का प्रस्ताव दिया है और दूध की कीमत 42 रुपये प्रति लीटर लगाई है. सूत्रों की मानें तो सरकार ने प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है.
प्रस्ताव संघ से जुड़े संगठन का हो, तो बीजेपी शासित प्रदेश में उस पर मंथन ज़रूर होता है. गाय तो वैसे भी सियासत के लिहाज से दुधारू हो चली है, लिहाज़ा भारतीय किसान संघ ने गौमूत्र 5 रुपये प्रति लीटर खरीदने का प्रस्ताव दिया तो सरकार ने उसे सैद्धांतिक सहमति दे दी. संगठन का दावा है कि इससे गौहत्या रुकेगी और रोजगार बढ़ेगा.
बीजेपी कह रही है, संघ के संगठन जनता के बीच काम करते हैं, खपत की उसे फिक्र नहीं है. वहीं चुनाव से पहले कांग्रेस भी इस गौ-मूत्र को लेकर सावधान है और सरकार के कथित भ्रष्टाचार पर हमलावर.
यह भी पढ़ें : राजस्थान : अस्पतालों में इस्तेमाल होंगे गौमूत्र से बने फिनाइल
बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के पास लघु वनोपज संघ जैसे कई प्रकल्प हैं जिसमें गौ मूत्र का उपयोग दवाई से लेकर दूसरे काम में कर सकते हैं. आरएसएस से जुड़े संगठन जनता के बीच लगातार काम करते हैं. इस तरह की जो सामाजिक व्यवस्था है उसको सरकार से जोड़ने के लिए उचित प्लेटफॉर्म मिल जाता है. इसलिए ऐसे प्रस्तावों पर सरकार भी विचार करती है.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता दीप्ति सिंह ने कहा गौ-मूत्र को बहुत पवित्र माना जाता है, लेकिन सरकार हर चीज में भ्रष्टाचार करती है, गौ-पालन से लेकर भगवान की पूजा, नर्मदा परिक्रमा हर चीज में भ्रष्ट्राचार. ऐसे में सवाल है कि जो गले तक कर्जे में डूबी सरकार है, वो इसे खरीदेगी कैसे?
VIDEO : सरकार खरीदेगी गौमूत्र
संघ का प्रस्ताव है कि सरकार पहले 2-3 तहसीलों में डेयरी प्लांट लगाए, गौमूत्र से बने कीटनाशक और गोबर की खाद से ऑर्गेनिक फसल उगाए जिससे मिट्टी की उवर्रता बनी रहे और किसान का फायदा हो .लेकिन मध्यप्रदेश सरकार पर लगभग दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. ऐसे में संघ का प्रस्ताव सरकारी तिजोरी पर भारी भी पड़ सकता है.
प्रस्ताव संघ से जुड़े संगठन का हो, तो बीजेपी शासित प्रदेश में उस पर मंथन ज़रूर होता है. गाय तो वैसे भी सियासत के लिहाज से दुधारू हो चली है, लिहाज़ा भारतीय किसान संघ ने गौमूत्र 5 रुपये प्रति लीटर खरीदने का प्रस्ताव दिया तो सरकार ने उसे सैद्धांतिक सहमति दे दी. संगठन का दावा है कि इससे गौहत्या रुकेगी और रोजगार बढ़ेगा.
बीजेपी कह रही है, संघ के संगठन जनता के बीच काम करते हैं, खपत की उसे फिक्र नहीं है. वहीं चुनाव से पहले कांग्रेस भी इस गौ-मूत्र को लेकर सावधान है और सरकार के कथित भ्रष्टाचार पर हमलावर.
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बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के पास लघु वनोपज संघ जैसे कई प्रकल्प हैं जिसमें गौ मूत्र का उपयोग दवाई से लेकर दूसरे काम में कर सकते हैं. आरएसएस से जुड़े संगठन जनता के बीच लगातार काम करते हैं. इस तरह की जो सामाजिक व्यवस्था है उसको सरकार से जोड़ने के लिए उचित प्लेटफॉर्म मिल जाता है. इसलिए ऐसे प्रस्तावों पर सरकार भी विचार करती है.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता दीप्ति सिंह ने कहा गौ-मूत्र को बहुत पवित्र माना जाता है, लेकिन सरकार हर चीज में भ्रष्टाचार करती है, गौ-पालन से लेकर भगवान की पूजा, नर्मदा परिक्रमा हर चीज में भ्रष्ट्राचार. ऐसे में सवाल है कि जो गले तक कर्जे में डूबी सरकार है, वो इसे खरीदेगी कैसे?
VIDEO : सरकार खरीदेगी गौमूत्र
संघ का प्रस्ताव है कि सरकार पहले 2-3 तहसीलों में डेयरी प्लांट लगाए, गौमूत्र से बने कीटनाशक और गोबर की खाद से ऑर्गेनिक फसल उगाए जिससे मिट्टी की उवर्रता बनी रहे और किसान का फायदा हो .लेकिन मध्यप्रदेश सरकार पर लगभग दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. ऐसे में संघ का प्रस्ताव सरकारी तिजोरी पर भारी भी पड़ सकता है.
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