
Betul Coal Mine Collapse: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से गुरुवार शाम एक बड़े हादसे की खबर सामने आई. यहां वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) की कोयला खदान ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई. खदान में एक फेज की स्लैब अचानक गिरने से कई मजदूर मलबे में दब गए. हादसे की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम, SDRF और पुलिस का दल तुरंत मौके पर पहुंच गया है. रेस्क्यू टीम ने खदान के अंदर घुसकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है. मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुरू हुआ.
बताया गया कि वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा क्षेत्र में हुए खदान धंसने से तीन कर्मचारियों की मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई. हादसे पर केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने शोक जताया है. वहीं जिला प्रशासन और कोयला खदान के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली है. घटना दोपहर करीब 3:00 बजे की है.
कोयला की मोटी चट्टान अचानक गिरी
बताया गया कि 14 मीटर की कोयला चट्टान को काटकर कंटीन्यूअस माइनर निकली ही थी कि निरीक्षण करने अंडर मैनेजर गोविंद कसोरिया, माइनिंग सरदार रामदेव पंडोल और ओवरमैन रामप्रसाद चौहान रूप का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसी दौरान 8 मीटर लंबी, 6 मीटर चौड़ी और 1 फीट मोटी पत्थर की चट्टान गिर गई. जिसके नीचे दबने से अंडर मैनेजर, माइनिंग सरदार और ओवरमैन की मौत हो गई.
खदान में हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर कोयला खदान रेस्क्यू की तीन टीम, एसडीआरएफ पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद चट्टान के नीचे दबे कोयला कर्मियों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया.
हादसे के 3.30 घंटे बाद निकाले शव
हादसा छतरपुर 1 खदान के सीएम सेक्शन में दोपहर करीब 3 बजे हुआ है. इसकी सूचना देरी से माइन रेस्क्यू टीम को दी गई. हालांकि सूचना मिलते ही रेस्क्यू और एंबुलेंस टीम मौके पर पहुंच गई. घटना मुहाने से करीब 3.5 किलोमीटर की दूरी पर कंटीन्यूअस माइनर सेक्शन में हुआ है. यह सेक्शन जॉय माइनिंग सर्विस का है.
कोयला खदान दुर्घटना की सूचना मिलते ही यूनियन नेता और पुलिस के अलावा सैकड़ों मजदूर खदान व अस्पताल की ओर दौड़ पड़े. खदान के गेट पर प्रशासन ने लोगों को रोक दिया. पहला रेस्क्यू 7 बजे, दूसरा 7:15 और तीसरा रेस्क्यू 7:30 बजे किया गया. यानी कि घटना के बाद से करीब साढे तीन घंटे बाद रेस्क्यू पूरा हुआ.
पाथाखेड़ा क्षेत्र में हैं तीन खदानें
वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा क्षेत्र में तीन कोयला खदान है. जिसमें तवा वन, तवा टू और छतरपुर 1 खदान शामिल है. तीनों खदानों में कंटीन्यूअस माइनर है. पाथाखेड़ा क्षेत्र में पहली मशीन तवा टू खदान में साल 2021 में लगी थी. यह मशीन अरविंदो कंपनी द्वारा लगाई गई थी. जबकि दूसरी मशीन इसी कंपनी ने तवा वन खदान में लगाई. वहीं तीसरी मशीन छतरपुर वन खदान में लगाई गई थी.
हादसे में इन तीन लोगों की हुई मौत
- गोविंद कोसरिया पद असिस्टेंट मैनेजर उम्र-37 वर्ष,
- रामप्रसाद चौहान पद माइनिंग सरदार उम्र 46 वर्ष
- रामदेव पंडोले पद ओवरमैन उम्र 49 वर्ष
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