मध्यप्रदेश के गुना में मॉडल साइंस कॉलेज के लिए आवंटित भूमि से कब्जा हटाने के दौरान एक दलित दंपति ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया. इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है. राहुल गांधी ने इसे लेकर ट्वीट किया. पार्टी ने मामले की जांच के लिये एक टीम बनाई तो बीजेपी ने कहा कांग्रेस गैर कानूनी कब्जे करवाती है. इस मामले में सरकार ने उन 7 पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया है जो जमीन से कब्जा हटाने गये थे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह गुना की ये तस्वीरें ट्वीट की तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने घटना की जांच के लिये 7 लोगों का जांच दल भी गठित कर दिया. पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि गुना में अनुसूचित जाति के परिवार को दबंगों के कहने पर पुलिस ने मार कर जहर खाने पर मजबूर कर दिया.
हमारी लड़ाई इसी सोच और अन्याय के ख़िलाफ़ है। pic.twitter.com/egGjgY5Awm
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 16, 2020
वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस गैरकानूनी कब्जा करवाती है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा मामले में कलेक्टर-एसपी को हटा दिया गया है जबकि वो मारने तो नहीं गये थे, लेकिन उसकी गंभीरता का अंदाज़ा हम सभी लोगों को है लेकिन ये बात भी सत्य है कि कांग्रेस की सरकार में ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दिया गया है जो कम पढ़े लिखे हैं कि उन्हें सही जगह में बिठाने के बजाए, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल जो सार्वजनिक उपयोग की जगह थी वहां बस जाएं, कांग्रेस पहले आग लगाइगी फिर ताली बजाएगी. ये जो कब्जा दिलाने का तरीका है उससे कांग्रेस बाज आए.
दरअसल गुना के जगनपुर चक में किसान दंपति अपने बच्चों के साथ प्रशासनिक- पुलिस अफसरों के सामने हाथ जोड़ते रहे, उनका कहना था कि जमीन गप्पू पारदी ने उसे बटिया पर दी है. कर्ज लेकर वो बोवनी कर चुका है. अगर फसल उजड़ी तो बर्बाद हो जाएगा, लेकिन किसान की फरियाद किसी ने नहीं सुनी, जिसके बाद दोनों ने जहर पी लिया . आरोप ये भी है कि अधिकारी कह रहे थे ये नाटक कर रहे हैं, काफी देर तक दोनों खेत में ही पड़े रहे. उधर, राजकुमार का छोटा भाई आया उसने विरोध किया तो पुलिस ने लाठियां बरसाईं और लाते भी मारी गईं.
बटियादार के परिवार की महिलाओं के साथ भी पुलिस ने खींच तान की, इससे उनके कपड़े तक फट गए. वैसे इस पूरे मामले में प्रशासनिक लापरवाही भी है जो सर्वदलीय है. किसान बीजेपी राज में पिटे, सरकारी जमीन पर पूर्व पार्षद गप्पू पारदी का कब्जा था, 8 महीने पहले भी इसे हटाया गया था लेकिन ठेकेदार ने इस जमीन पर एक ईंट तक नहीं लगाई.
(आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है. अगर आपको सहारे की जरूरत है या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हैं जिसे मदद की दरकार है तो कृपया अपने नजदीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएं.) हेल्पलाइन नंबर: AASRA: 91-22-27546669 (24 घंटे उपलब्ध) स्नेहा फाउंडेशन: 91-44-24640050 (24 घंटे उपलब्ध) वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: 1860-2662-345 और 1800-2333-330 (24 घंटे उपलब्ध) iCall: 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्ध: सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक) एनजीओ: 18002094353 दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक उपलब्ध)
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