छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से निरंतर चलाए जा रहे अभियानों के नतीजे में कई माओवादी नेताओं की गिरफ्तारी हुई है और कई ने आत्मसमर्पण कर दिया है. इसके अतिरिक्त सुरक्षा बल माओवादी नक्सली कैडरों को हिंसा का रास्ता छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने के लिए राजी कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में तीन इनामी नक्सलियों सहित कुल 33 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के अंदरूनी इलाके में स्थित डब्बामरका में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और छत्तीसगढ़ पुलिस ने तीन दिन पहले कैंप लगाया है. यहां स्थानीय लोगों का सुरक्षा बलों पर विश्वास तब जाहिर हुआ जब 33 माओवादियों ने इस नए शिविर में आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में तीन माओवादी दिरदो मुदा, हिड़मा और वजाम हिड़मा शामिल हैं. इन पर एक लाख रुपये का इनाम था. पहले गुमराह किए गए इन माओवादियों ने हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया.
एक अन्य बड़ी सफलता 201 कोबरा की कोशिश से मिली. उसने एक माओवादी को आत्मसमर्पण के लिए राजी कर लिया. एक लाख के इनामी माओवादी मडवी वागा ने सुकमा जिला मुख्यालय में सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. वह एक जनमिलिशिया कमांडर था और 2016 में माओवादियों में शामिल हो गया था. वह चिंतलनार और जगरगुंडा में सक्रिय था.
सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि जिले के डब्बामरका पुलिस शिविर में जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को 33 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से तीन नक्सलियों के सिर पर एक-एक लाख रुपये का इनाम है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादी नेताओं के भेदभावपूर्ण व्यवहार से तंग आकर हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली किस्टाराम क्षेत्र में कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
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