
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी...
नई दिल्ली:
दिल्ली निगम चुनाव में बीजेपी के 10 उम्मीदवारों के नामांकन निरस्त हो गए हैं..लेकिन 6 पर कवरिंग प्रत्याशी होने के चलते अब दूसरे उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे लेकिन 4 वार्डों में बीजेपी के सिंबल पर अब कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ पाएगा क्योंकि यहां से कवरिंग प्रत्याशी भी नहीं था. स्वराज इंडिया पार्टी के 24 उम्मीदवारों के नामांकन राज्य चुनाव आयोग ने निरस्त कर दिए हैं.
हालांकि गुरुवार को मीनाक्षी लेखी के साथ एक डेलीगेशन दोपहर को मुख्य चुनाव आयुक्त से मिला भी लेकिन इसके बावजूद चार उम्मीदवार लड़ाई से बाहर हो गए हैं..अब बीजेपी इन 4 वार्डों में निर्दलीय को समर्थन देने की सोच रही है..वहीं कांग्रेस के एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया है.
उधर स्वराज इंडिया पार्टी के 24 उम्मीदवारों के नामांकन राज्य चुनाव आयोग ने निरस्त कर दिए हैं. योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के इशारे पर रिटर्निंग आफिसर ने इतने बड़े पैमाने पर उनके उम्मीदवारों के नाम निरस्त किए हैं. दिल्ली में तीनों निगमों में अब 2859 उम्मीदवार बचे हैं जबकि 4605 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भरा था. लेकिन 1719 प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हो गए जबकि कईयों ने नाम वापस ले लिया.
दिल्ली में एमसीडी चुनावों के मद्देनजर प्रचार जोरों पर है और तीन तारीख को नामांकन भरे जाने की आखिरी तारीख थी. इसी दिन बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की थी. इसी दिन पार्टी प्रत्याशियों को अपने नामांकन भरने थे.
जांच के बाद दिल्ली चुनाव आयोग ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है. बीजेपी के चार प्रत्याशियों के नामांकन रद्द कर दिए गए हैं. यानि चुनाव से पहले ही बीजेपी कम से कम चार सीटों पर बिना चुनाव लड़े ही हार गई है.
जानकारी के अनुसार यह चार सीटें ईस्ट विनोद नगर, किशनगंज, अबुल फजल और बापरौला के उम्मीदवारों के नामांकन रद्द. सबसे बड़ी बात कि इन चारों ही सीटों पर कोई कवरिंग उम्मीदवार भी नहीं था.
सूत्रों के मुताबिक अब बीजेपी यहां किसी निर्दलीय को समर्थन देगी. यानि बीजेपी किसी निर्दलीय के पक्ष में प्रचार करेगी और चुनाव पूर्व गठबंधन के हिसाब से चुनाव की तैयारी में लग गई है. यह काम पार्टी के दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी खुद देख रहे हैं.
नाराज़ पार्टी के प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अंतिम समय में लिस्ट निकालने के चलते बीजेपी प्रत्याशियों को ये खामियाजा भुगतना पड़ा है.
जिन बीजेपी प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हुए हैं उनके नाम हैं बापरौला से संजू बाला, अबुल फजल से हैदर जमाल, किशन गंज से मोनिका छाबड़ा और इस्ट विनोद नगर से रवींद्र नेगी.
प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जांच बिठाई कि आखिर कैसे ये गलती हुई है. गौर करने की बात यह है कि रविंद्र नेगी की कवरिंग कैंडिडेट उसकी पत्नी रेणू नेगी हैं. उससे भी ज्यादा गौर करने की बात यह है कि दोनों ने एक ही गलती की है. दोनों ने नामांकन फार्म के एक कागज पर दस्तखत नहीं किए हैं.
कांग्रेस की द्वारका ए वार्ड से उम्मीदवार सुधा और जेडीयू के चार प्रत्याशियों के नामांकन भी रद्द हुए हैं.
बीजेपी के वजीरपुर और ख्याला वार्ड के उम्मीदवारों के नामांकन भी रद्द हुए हैं लेकिन यहां कवरिंग प्रत्याशियों के होने से बीजेपी को नुकसान नहीं हुआ है. बता दें कि आठ सीटों पर बीजेपी के नामांकन रद्द हुआ है. लेकिन बाकी चार सीटों पर कवरिंग प्रत्याशियों के नामांकन वैध पाए गए हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली के मुख्य चुनाव आयुक्त से बीजेपी के कानूनी सलाहकार गुहार लगा रहे हैं कि इन लोगों को सुनवाई का एक मौका और दिया जाए.
हालांकि गुरुवार को मीनाक्षी लेखी के साथ एक डेलीगेशन दोपहर को मुख्य चुनाव आयुक्त से मिला भी लेकिन इसके बावजूद चार उम्मीदवार लड़ाई से बाहर हो गए हैं..अब बीजेपी इन 4 वार्डों में निर्दलीय को समर्थन देने की सोच रही है..वहीं कांग्रेस के एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया है.
उधर स्वराज इंडिया पार्टी के 24 उम्मीदवारों के नामांकन राज्य चुनाव आयोग ने निरस्त कर दिए हैं. योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के इशारे पर रिटर्निंग आफिसर ने इतने बड़े पैमाने पर उनके उम्मीदवारों के नाम निरस्त किए हैं. दिल्ली में तीनों निगमों में अब 2859 उम्मीदवार बचे हैं जबकि 4605 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भरा था. लेकिन 1719 प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हो गए जबकि कईयों ने नाम वापस ले लिया.
दिल्ली में एमसीडी चुनावों के मद्देनजर प्रचार जोरों पर है और तीन तारीख को नामांकन भरे जाने की आखिरी तारीख थी. इसी दिन बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की थी. इसी दिन पार्टी प्रत्याशियों को अपने नामांकन भरने थे.
जांच के बाद दिल्ली चुनाव आयोग ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है. बीजेपी के चार प्रत्याशियों के नामांकन रद्द कर दिए गए हैं. यानि चुनाव से पहले ही बीजेपी कम से कम चार सीटों पर बिना चुनाव लड़े ही हार गई है.
जानकारी के अनुसार यह चार सीटें ईस्ट विनोद नगर, किशनगंज, अबुल फजल और बापरौला के उम्मीदवारों के नामांकन रद्द. सबसे बड़ी बात कि इन चारों ही सीटों पर कोई कवरिंग उम्मीदवार भी नहीं था.
सूत्रों के मुताबिक अब बीजेपी यहां किसी निर्दलीय को समर्थन देगी. यानि बीजेपी किसी निर्दलीय के पक्ष में प्रचार करेगी और चुनाव पूर्व गठबंधन के हिसाब से चुनाव की तैयारी में लग गई है. यह काम पार्टी के दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी खुद देख रहे हैं.
नाराज़ पार्टी के प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अंतिम समय में लिस्ट निकालने के चलते बीजेपी प्रत्याशियों को ये खामियाजा भुगतना पड़ा है.
जिन बीजेपी प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हुए हैं उनके नाम हैं बापरौला से संजू बाला, अबुल फजल से हैदर जमाल, किशन गंज से मोनिका छाबड़ा और इस्ट विनोद नगर से रवींद्र नेगी.
प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जांच बिठाई कि आखिर कैसे ये गलती हुई है. गौर करने की बात यह है कि रविंद्र नेगी की कवरिंग कैंडिडेट उसकी पत्नी रेणू नेगी हैं. उससे भी ज्यादा गौर करने की बात यह है कि दोनों ने एक ही गलती की है. दोनों ने नामांकन फार्म के एक कागज पर दस्तखत नहीं किए हैं.
कांग्रेस की द्वारका ए वार्ड से उम्मीदवार सुधा और जेडीयू के चार प्रत्याशियों के नामांकन भी रद्द हुए हैं.
बीजेपी के वजीरपुर और ख्याला वार्ड के उम्मीदवारों के नामांकन भी रद्द हुए हैं लेकिन यहां कवरिंग प्रत्याशियों के होने से बीजेपी को नुकसान नहीं हुआ है. बता दें कि आठ सीटों पर बीजेपी के नामांकन रद्द हुआ है. लेकिन बाकी चार सीटों पर कवरिंग प्रत्याशियों के नामांकन वैध पाए गए हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली के मुख्य चुनाव आयुक्त से बीजेपी के कानूनी सलाहकार गुहार लगा रहे हैं कि इन लोगों को सुनवाई का एक मौका और दिया जाए.
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