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न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में नया लोन घोटाला, पूर्व चेयरपर्सन दंपति पर शिकंजा कसने की तैयारी

ईओडब्ल्यू सूत्रो के अनुसार यह पूरा मामला सुनियोजित स्क्रिप्टेड स्कैम की तरह है. पहले जानबूझकर लोन को एनपीए घोषित किया गया, फिर OTS के जरिए बहुत कम रकम लेकर लोन बंद कर दिया गया.

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में नया लोन घोटाला, पूर्व चेयरपर्सन दंपति पर शिकंजा कसने की तैयारी
मुंबई:

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन की जांच के दौरान एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है. इस ताजा मामले में करोड़ों रुपये के लोन कथित तौर पर गलत तरीके से वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) के जरिए बंद किए गए. जांच में यह भी सामने आया है कि इस पूरे खेल में बैंक अधिकारियों को कथित तौर पर मोटी रिश्वत दी गई.

176 अकाउंट्स में 1 करोड़ रुपये से अधिक के लोन

EOW सूत्रों के अनुसार, 274 लोन अकाउंट्स को OTS के तहत बंद किया गया, जिनमें से 176 अकाउंट्स में 1 करोड़ रुपये से अधिक के लोन शामिल थे. यह सेटलमेंट अचानक और संदिग्ध परिस्थितियों में किया गया, जिससे अब जांच एजेंसियों की नजर इस पर पड़ी है. सूत्रों का दावा है कि जांच के दौरान कुछ खातों में सेटलमेंट के बाद रिश्वत के रूप में पैसे ट्रांसफर होने के सबूत मिले हैं.

स्क्रिप्टेड स्कैम

ईओडब्ल्यू सूत्रो के अनुसार यह पूरा मामला सुनियोजित स्क्रिप्टेड स्कैम की तरह है. पहले जानबूझकर लोन को एनपीए घोषित किया गया, फिर OTS के जरिए बहुत कम रकम लेकर लोन बंद कर दिया गया. इसके बदले में बैंक अधिकारियों को कथित तौर पर किकबैक मिला.” EOW इस पूरे मामले में अब नई FIR दर्ज करने की तैयारी कर रही है, ताकि जांच को और गहराई से आगे बढ़ाया जा सके.

पूर्व चेयरपर्सन दंपति हीरेन और गौरी भानु के खिलाफ शिकंजा

इस घोटाले में बैंक के पूर्व वाइस चेयरमैन हीरेन भानु और उनकी पत्नी गौरी भानु, जो उस वक्त कार्यवाहक चेयरपर्सन थीं. उनकी भूमिका प्रमुख मानी जा रही है. दोनों पहले से ही 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में आरोपी हैं और उन्हें प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया जा चुका है. सूत्रों का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर ब्लू कॉर्नर नोटिस के जरिए उनकी तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. जांच अधिकारियों का कहना है कि हीरेन भानु का आखिरी लोकेशन दुबई में मिला था, लेकिन अब संदेह है कि वे लंदन में हो सकते हैं, क्योंकि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है.

रेड कॉर्नर नोटिस की तैयारी

EOW अब इस दंपति के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, जिससे उन्हें ट्रैक कर भारत लाया जा सके. अधिकारियों को उम्मीद है कि इस कदम से इस बहुचर्चित घोटाले में जल्द बड़ी कार्रवाई संभव हो सकेगी.

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