मुंबई : चिल्ड्रन होम में रहने वाले 54 बच्चे कोरोना पॉजिटिव, लंबी खांसी और बुखार की हो रही है शिकायत

एक्स्पर्ट्स बताते हैं की ऐसे बच्चों में लम्बी खांसी और लम्बा बुखार नजर आ रहा है. कोविड संक्रमित बच्चों में बुखार करीब हफ्ते भर दिख रहा है.

मुंबई : चिल्ड्रन होम में रहने वाले 54 बच्चे कोरोना पॉजिटिव, लंबी खांसी और बुखार की हो रही है शिकायत

प्रतीकात्मक तस्वीर.

मुंबई:

मुंबई में अलग-अलग तीन चिल्ड्रन होम में टेस्टिंग के दौरान 54 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं. अधिकांश बच्चे कम लक्षण वाले हैं. एक्स्पर्ट्स बताते हैं की ऐसे बच्चों में लम्बी खांसी और लम्बा बुखार नजर आ रहा है. कोविड संक्रमित बच्चों में बुखार करीब हफ्ते भर दिख रहा है. वैसे मुंबई में फिलहाल कोरोना-वायरस दूसरी लहर की तुलना में बेहद शांत है. पर बच्चों पर असर दिखाता नजर आ रहा है.

स्पर्श चिल्ड्रन अस्पताल में क्रिटिकल केयर के हेड डॉ. अमीश वोरा ने बताया, 'करीब दो महीने तो कोविड बिल्कुल शांत था, लेकिन अब मामले दिखने लगे हैं. एक हफ्ते में ही करीब चार बच्चों को संक्रमण होते देखा है. लक्षण इस बार भी लगभग एक जैसे ही हैं लेकिन बुखार और खांसी थोड़ी लम्बी है, जैसे क़रीब सात दिन बुखार चल रहा है, खांसी को भी ठीक होने में थोड़ा लम्बा टाईम लग रहा है. इसलिए अब हम जिन बच्चों में ऐसे लक्षण  देख रहे हैं उनको टेस्ट के लिए बोल रहे हैं.'

मुंबई में बीते तीन दिनों में तीन अलग-अलग चिल्ड्रन होम में हुई टेस्टिंग में 54 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें से अधिकांश बच्चे हल्के लक्षण वाले हैं और क्वॉरंटीन सेंटर में आइसोलेट किए गए हैं.

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साथ ही डॉ. अमीश वोरा ने कहा, 'इनमें से ज्यादातर डेल्टा प्लस वाले मरीज ही बताए जा रहे हैं. हमारी तुलना दक्षिणी अमेरिका से करनी चाहिए, जहां कम वैक्सिनेशन हुआ है, जैसे इंडिया में दोनों टीकों वाले लोग कम हैं. दक्षिणी अमेरिका में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे हमारे यहां नई लहर में असर बच्चों में दिख सकता है.'

एसएल रहेजा अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अस्मिता महाजन का कहना है, 'पिछले दो महीने में मेरे पास आठ से दस बच्चे कोविड के आए हैं, बीते चह महीने से तुलना करें तो ये हल्का बढ़ा हुआ है. लेकिन ऐसा नहीं कह सकती की तीसरी लहर की दस्तक है या बच्चों में प्रमाण ज्यादा है.'

बता दें, मई महीने से ही मुंबई में कोविड के मामले नीचे आने लगे थे. पर मई से अब तक अगस्त महीने तक में 19 साल से कम और 9 साल से कम के मामलों में करीब 21% की बढ़ोतरी हुई है.

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