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महाराष्ट्र पुलिस ने साइबर ठगों के खातों पर की बड़ी कार्रवाई, 700 करोड़ से ज्यादा की राशि की फ्रीज

महाराष्ट्र पुलिस ने ये कार्रवाई राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और 1945 पर मिली शिकायतों के आधार पर की है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आने वाले महीनों में ठगी के शिकार हजारों पीड़ितों को उनके पैसा वापस मिल सकते हैं.

महाराष्ट्र पुलिस ने साइबर ठगों के खातों पर की बड़ी कार्रवाई, 700 करोड़ से ज्यादा की राशि की फ्रीज
महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल ने साइबर ठगों के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई
मुंबई:

महाराष्ट्रप पुलिस की साइबर सेल ने साइबर अपराध में शामिल आरोपियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे अपराधियों के बैंक खातों, पेमेंट गेटवे और डिजिटल वॉलेट को ब्लॉक कर दिया है. महाराष्ट्र पुलिस की इस कार्रवाई से 700 करोड़ से ज्यादा की रकम को फ्रीज करने में मदद मिली है. बताया जा रहा है बीते पांच सालों में साइबर सेल की ये सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है. 

आपको बता दें कि ये कार्रवाई राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और 1945 पर मिली शिकायतों के आधार पर की गई है. अधिकारियों के अनुसार यह फ्रीज की गई राशि फिलहाल कानूनी प्रक्रिया के अधीन है और न्यायालय में मामला लंबित है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आने वाले महीनों में ठगी के शिकार हजारों पीड़ितों को उनके पैसा वापस मिल सकते हैं.

1930 हेल्पलाइन का चौबीसों घंटे संचालन

महाराष्ट्र साइबर सेल 1930 हेल्पलाइन का संचालन करती है, जो पूरे राज्य से साइबर अपराध से संबंधित शिकायतें प्राप्त करती है. यह हेल्पलाइन नवी मुंबई के महापे स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से 24x7 संचालित होती है,जहां 150 से अधिक साइबर विशेषज्ञ और स्टाफ तैनात हैं. इस हेल्पलाइन पर रोज़ाना करीब 8,000 कॉल्स आती हैं, और अधिकारियों के मुताबिक इसकी 100% रिस्पॉन्स दर है, जो देश में सबसे बेहतरीन मानी जाती है. शिकायत दर्ज होते ही नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर संबंधित बैंकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तत्काल अलर्ट किया जाता है. 

रियल-टाइम में ट्रांजैक्शन पर रोक

महाराष्ट्र साइबर सेल ने बताया कि वह फर्जी ट्रांजैक्शन को रोकने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ रियल-टाइम में तालमेल बनाती है. जैसे ही कोई संदिग्ध लेनदेन चिन्हित होता है, संबंधित बैंक को लीन या होल्ड लगाने का निर्देश दिया जाता है.

जल्द मिल सकता है पैसा वापस

अधिकारियों का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, और यदि सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही पीड़ितों को रिफंड मिलने की संभावना है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि साइबर अपराध के मामलों में राशि वापस दिलाना जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है, लेकिन इस दिशा में यह एक सकारात्मक पहल है।

मुंबई, पुणे और ठाणे साइबर अपराध के हॉटस्पॉट

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में मुंबई, पुणे और ठाणे साइबर अपराध के सबसे बड़े केंद्र बने हुए हैं. 2024 में केवल मुंबई से 54,836 शिकायतें दर्ज की गईं, पुणे से 26,332 और ठाणे से 23,148 शिकायतें मिलीं. इसके अलावा नवी मुंबई और पिंपरी-चिंचवड़ जैसे शहरों में भी साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है.

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