ठाणे के बदलापुर स्टेशन से पहले महालक्ष्मी एक्सप्रेस (Mahalakshmi Express) कल रात से यहां फंसी हुई थी जिसमें क़रीब 700 यात्री सवार थे. काफ़ी मशक्कत के बाद अब आखिरकार सभी फंसे यात्रियों को निकाल लिया गया है. बता दें कि भारी बारिश की वजह से उल्हास नदी का पानी रेलवे ट्रैक पर आने से ट्रेन के दोनों पायदान तक जलभराव होने के बाद ट्रेन को रोक दिया गया था. NDRF...SDRF और रेलवे की टीमें मुसाफ़िरों को रेस्क्यू करने में लगीं रहीं. यही नहीं जल, थल, वायु तीनों सेनाओं की मदद ली गई. ट्रेन में फंसे लोगों को निकालने के लिए चॉपर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.
भारतीय वायुसेना, नौसेना, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने शनिवार को यहां वांगनी में बाढ़ के पानी में फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन के 700 यात्रियों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर हवाई और सतही अभियान शुरू किया. महालक्ष्मी एक्सप्रेस शुक्रवार सुबह 8 बजे मुंबई से कोल्हापुर के लिए रवाना हुई थी.
अधिकारियों ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध के बाद रक्षा अधिकारियों ने सीकिंग और एमआई17 हेलीकॉप्टरों को राहत सामग्री और बचावकर्मी बलों के साथ मुंबई से स्थल के लिए रवाना किया.
इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीमें बदलापुर से ट्रेन में पहुंचीं और करीब 7 किलोमीटर दूर से रबर की नावों में बैठकर ट्रेन से यात्रियों को निकालना शुरू किया.
ट्रेन के बाढ़ के पानी में फंस जाने के चलते कुछ यात्रियों के एक समूह ने बदलापुर स्टेशन के लिए पैदल यात्रा शुरू कर दी थी, लेकिन तीन से छह फीट तक बाढ़ के पानी में वह फंस गए. ग्रामीणों ने रस्सी फेंक कर उन्हें बाहर निकाला.
भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमों ने लगभग सात लोगों के इस समूह को बाद में क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला।
मुंबई, पालघर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरि और कुछ अन्य इलाकों में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. पिछले 24 घंटों में मुंबई हवाईअड्डे पर लगभग दो दर्जन उड़ानें प्रभावित हुई हैं. इसके अलावा आंशिक रूप से रेल संचालन को भी बारिश ने प्रभावित किया है. बारिश के पानी से सड़कें जाम हो गई हैं.
इससे पहले, मुंबई-कोल्हापुर ट्रेन के सैकड़ों घबराए, भूखे-प्यासे यात्रियों ने मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मदद की अपील की थी.
उन्होंने कहा कि उनकी ट्रेन के आस-पास पांच से छह फीट तक पानी जमा है, जिसकी वजह से वह पिछले 15 घंटों से फंसे हुए हैं और निकलने का कोई रास्ता नहीं है. यात्रियों ने वीडियो में कहा था कि उनके पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं है.
इससे पहले मध्य रेलवे (सीआर) ने बाहर के खतरनाक जलस्तर को देखते हुए महालक्ष्मी एक्सप्रेस के यात्रियों को ट्रेनों से बाहर न निकलने के बाबत चेतावनी दी थी. रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया था कि उन्हें शीघ्र ही मुहैया कराई जाएगी और वे मदद के लिए प्रतीक्षा करें.
महालक्ष्मी एक्सप्रेस (Mahalakshmi Express) में फंसे यात्रियों को भले ही अब निकालने का काम जोरों से किया गया हो लेकिन यात्रियों का आरोप है कि उन तक मदद पहुंचाने में प्रशासन ने बहुत समय लगा दिया. एक यात्री ने बताया कि बाढ़ की वजह से ट्रेन के रुकने के बाद से ही वह लगातार जीआरपी से लेकर लोकल पुलिस और दूसरे शहर की पुलिस को भी कॉल कर रहे थे लेकिन कोई भी मदद के लिए आने को तैयार नहीं था. अन्य यात्रियों के अनुसार अगर आसपास के गांव वालों ने उनकी मदद नहीं की होती तो उनकी हालत और खराब हो सकती थी.
बाढ़ की वजह से बीच रास्ते में फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस
(इनपुट भाषा से...)
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