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This Article is From Jul 03, 2017

लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस ने 31 दलित कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार

पुलिस ने आरोप लगाया कि दलित कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास तक मार्च करने की योजना बनाई थी, जिसके लिए उन्हें इजाजत नहीं मिली थी.

लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस ने 31 दलित कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार
  • दलितों के उत्पीड़न के मुद्दे पर थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • पुलिस ने कहा- इन कार्यकर्ताओं ने बगैर इजाजत रैली निकालने की योजना बनाई थी
  • अहमदाबाद से लखनऊ आ रहे 50 दलित कार्यकर्ताओं को कल झांसी में रोक दिया गया
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लखनऊ: यूपी पुलिस ने सोमवार को लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे कई दलित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. पुलिस ने कहा कि उन्होंने इन कार्यकर्ताओं को इसलिए गिरफ्तार किया, क्योंकि उन्होंने प्रेस वार्ता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास तक मार्च करने की योजना बनाई थी, जिसकी उन्हें इजाजत नहीं मिली हुई थी.

गिरफ्तार किए गए दलित कार्यकर्ताओं में शामिल रमेश दीक्षित, राम कुमार और रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट एसआर दारापुरी ने बताया कि उन्होंने 'दलितों के उत्पीड़न' पर चर्चा के वास्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. दारापुरी ने कहा कि झांसी में रविवार को करीब 50 दलितों को लखनऊ आने से रोक दिया गया. ये लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहते थे और उन्हें एक विशाल साबुन की टिकिया भेंट करना चाहते थे. यह समूह गुजरात के अहमदाबाद से आ रहा था और वे अपने साथ 125 किलो के साबुन की टिकिया यूपी के सीएम को देना चाहते थे.

 
dalit activists arrest
पुलिस ने कहा कि दलित कार्यकर्ता बिना इजाजत के एक रैली निकालने की योजना बना रहे थे


गौरतलब है कि मई महीने में यूपी के कुशीनगर जिले के अनुसूचित जाति के लोगों ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले स्थानीय प्रशासन ने उन्हें साबुन और शैंपू दिए थे. राज्य के सबसे गरीब समझे जाने मुसहर तबके के लोगों ने कहा था कि कुशीनगर में योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम से पहले उनसे स्थानीय प्रशासन ने अच्छे ढंग से नहा-धोकर आने को कहा था.

गुजरात के दलित समुदाय के लोगों ने कहा कि वह इस मामले को लेकर सांकेतिक विरोध के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निजी तौर पर साबुन भेंट करना चाहते थे. पुलिस ने बिना कोई कारण बताए उन लोगों से झांसी में ट्रेन से उतरने को कहा. हालांकि जिन लोगों को ट्रेन से उतारा गया, उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से उन्हें ट्रेन से उतरने को कहा गया. इन लोगों को एक स्थानीय गेस्ट हाउस में ले जाया गया और बाद में ट्रेन से वापस अहमदाबाद भेज दिया गया.

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