लखनऊ:
लखनऊ से 30 किमी दूर बाराबंकी में सरकारी गोदाम में दो बोरी खाद खरीदने आया लवकुश उन गिने चुने किसानों में से एक जिसके पास नकदी नोट थे. यह खाद आलू की खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिसे उसने अपनी दो एकड़ जमीन पर हाल ही में बोया है. उसे और खाद की जरूरत पड़ेगी लेकिन लवकुश के पैसे खत्म हो गए हैं.
गोदाम में ज्यादा कारोबार नकदी में होता है और पिछले तीन दिनों से बिक्री में जबर्दस्त गिरावट दर्ज हुई है. इससे पहले खाद की 5000 बोरियां एक दिन में बिक गई थीं. गुरुवार को केवल 74 बोरियां बिकीं.
इफ्फको वेयरहाउस के प्रबंधक एसएन त्रिपाठी ने बताया, "150 से लेकर 200 किसान सुबह आकर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं लेकिन उनके पास बड़े नोट हैं जिन्हें हम स्वीकार नहीं कर सकते." एकछ किलोमीटर दूर मीनापुर गांव के 27 वर्षीय किसान धीरज कुमार ने बताया कि वह एक एकड़ में सरसों की फसल बोना चाहता है लेकिन इस दिनों नकदी सबसे बड़ी समस्या है.
कुमार ने अपने खेतों के लिए बीज खरीदा था लेकिन खाद खरीदने के लिए उसे 5000 रुपये नकदी की आवश्यकता होगी लेकिन 500 रुपये के नोट अभी भी बदलाना बाकी है. "आज बैंक ने उसे 100 नबर का टोकन दिया और इंतजार करने को कहा. यदि हम खाद डालने में 10 दिनों का विलंब कर देंगे तो सरसों की फसल में कीड़े लग जाएंगे."
जैदपुर ब्लॉक में किसानों के लिए प्रमुख बैंक ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावत में किसानों ने पैसे जमा कर्ने के लिए बहुत इंतजार किया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. बैंक के पास नए नोट नहीं हि&ंस अभी और 100 के नोट पहले ही समाप्त हो चुके हैं. बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक एस. के बताया, "मेरा मानना है कि यदि जल्द ही नए नोट नहीं आए तो हम पैसे कैसे दे पाएं."
गोदाम में ज्यादा कारोबार नकदी में होता है और पिछले तीन दिनों से बिक्री में जबर्दस्त गिरावट दर्ज हुई है. इससे पहले खाद की 5000 बोरियां एक दिन में बिक गई थीं. गुरुवार को केवल 74 बोरियां बिकीं.
इफ्फको वेयरहाउस के प्रबंधक एसएन त्रिपाठी ने बताया, "150 से लेकर 200 किसान सुबह आकर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं लेकिन उनके पास बड़े नोट हैं जिन्हें हम स्वीकार नहीं कर सकते." एकछ किलोमीटर दूर मीनापुर गांव के 27 वर्षीय किसान धीरज कुमार ने बताया कि वह एक एकड़ में सरसों की फसल बोना चाहता है लेकिन इस दिनों नकदी सबसे बड़ी समस्या है.
कुमार ने अपने खेतों के लिए बीज खरीदा था लेकिन खाद खरीदने के लिए उसे 5000 रुपये नकदी की आवश्यकता होगी लेकिन 500 रुपये के नोट अभी भी बदलाना बाकी है. "आज बैंक ने उसे 100 नबर का टोकन दिया और इंतजार करने को कहा. यदि हम खाद डालने में 10 दिनों का विलंब कर देंगे तो सरसों की फसल में कीड़े लग जाएंगे."
जैदपुर ब्लॉक में किसानों के लिए प्रमुख बैंक ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावत में किसानों ने पैसे जमा कर्ने के लिए बहुत इंतजार किया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. बैंक के पास नए नोट नहीं हि&ंस अभी और 100 के नोट पहले ही समाप्त हो चुके हैं. बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक एस. के बताया, "मेरा मानना है कि यदि जल्द ही नए नोट नहीं आए तो हम पैसे कैसे दे पाएं."
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