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This Article is From Mar 19, 2019

Lok Sabha Elections 2019: सिर्फ ये लोग कर सकते हैं पोस्टल बैलेट से वोटिंग, जानें कैसे करते हैं VOTE

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. पोस्टल बैलेट की व्यवस्था कुछ परिस्थितियों में ही मिलती है. यदि आप सेना या सरकार के लिए काम करते हैं या चुनाव की ड्यूटी के लिए अपने राज्य से बाहर तैनात हैं या आपको 'प्रिवेंटिव डिटेंशन' में रखा गया है.

Lok Sabha Elections 2019: सिर्फ ये लोग कर सकते हैं पोस्टल बैलेट से वोटिंग, जानें कैसे करते हैं VOTE
सिर्फ ये लोग कर सकते हैं पोस्टल बैलेट से वोटिंग.

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) की तारीखों का ऐलान हो चुका है. इस बार कुल सात चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं. पहला चरण 11 अप्रैल को जबकि अंतिम चरण 19 मई को होगा. वोटों की गिनती 23 मई को होगी. 1.50 करोड़ मतदाता 18-19 साल उम्र के होंगे. इस चुनाव में मतदाताओं की संख्या लगभग 90 करोड़ होगी, जो 2014 के 81.45 करोड़ से अधिक है. जनता भी चुनावी मूड में आ गई है और अपने नेता का चुनाव कर रही है. कई लोग शहर से दूर हैं ऐसे में सवाल उठ रहा है, कि क्या ये लोग पोस्टल बैलेट के जरिए वोट कर सकते हैं. लेकिन आपको बता दें, सिर्फ कुछ ही लोग पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसकी सुविधा कुछ ही परिस्थितियों में मिलती है. 

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पोस्टल बैलेट की व्यवस्था कुछ परिस्थितियों में ही मिलती है. यदि आप सेना या सरकार के लिए काम करते हैं या चुनाव की ड्यूटी के लिए अपने राज्य से बाहर तैनात हैं या आपको 'प्रिवेंटिव डिटेंशन' में रखा गया है. चुनाव आयोग पहले ही चुनावी क्षेत्र में डाक मतदान करने वालों की संख्या को निर्धारित कर लेता है. जिसके बाद खाली डाक मतपत्र को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोटर तक पहुंचाया जाता है. अगर वोटर ऐसी जगह है जहां इलेक्ट्रॉनिक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है तो वहां डाक सेवा से मतपत्र भेजा जाता है. अगर किसी कारण वोटर इसका प्रयोग नहीं कर पाता तो मतपत्र लौट आता है. 

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सैनिक कर सकेंगे डिजिटलाइज्ड बैलेट से वोटिंग
डिजिटल सर्विस वोटर के जरिए सरहद पर तैनात सैनिक वोट डाल सकेंगे. इलेक्ट्रालॉकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम बनाया गया है. जिसमें हर सैनिक का एक यूनिक आइडी और क्यू आर कोड होगा. सरहद या दूसरी जगह पर तैनात सैनिकों को उनकी लोकसभा के निर्वाचन कार्यालय से ऑनलाइन डिजिटलाइज्ड बैलेट पेपर भेजा जाएगा. 

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वहीं, देश के बाकी लोग ईवीएम के जरिए वोट करेंगे. इस बार लगभग 10 लाख मतदान केंद्र होंगे, जो 2014 के आम चुनाव में रहे नौ लाख से अधिक है. कई लोग ईवीएम के जरिए मतदान केंद्र में वोट देते नजर आएंगे. बता दें, EVM का पहली बार इस्तेमाल मई, 1982 में केरल के परूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दौरान 50 मतदान केंद्रों पर किया गया था. बड़े पैमाने पर EVM का पहली बार इस्तेमाल वर्ष 1998 में किया गया था. जब मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की 16 विधानसभा सीटों पर EVM का इस्तेमाल किया गया. वर्ष 2004 का लोकसभा चुनाव ऐसा पहला चुनाव था, जब पूरे देश के सभी केंद्रों पर EVM का इस्तेमाल किया गया.

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