तीन महीने में कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर फैसला, कांग्रेस संगठनों का भी होगा पुनर्गठन: सूत्र

कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हैं. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस संगठनों का पुनर्गठन होगा और 3 महीने में नए अध्यक्ष का नाम तय किया जाएगा.

तीन महीने में कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर फैसला, कांग्रेस संगठनों का भी होगा पुनर्गठन: सूत्र

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं.

खास बातें

  • कांग्रेस संगठनों का पुनर्गठन होगा: सूत्र
  • 3 महीने में नए अध्यक्ष का नाम तय होगा: सूत्र
  • राहुल संगठन में भूमिका निभाते रहेंगे: सूत्र
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हैं. मंगलवार को इसे लेकर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उनसे उनके आवास पर मुलाकात की. अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कांग्रेस संगठनों का पुनर्गठन होगा और 3 महीने में नए अध्यक्ष का नाम तय किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी संगठन में अपनी भूमिका निभाने रहेंगे. सूत्रों ने बताया कि तीन महीने के भीतर कांग्रेस एक मैकेनिज़्म बनाएगी इसी के हिसाब से पार्टी का सांगठनिक पुनर्गठन होगा. इस दौरान ही नए अध्यक्ष का नाम तय होगा. राहुल गांधी सांगठनिक काम में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे.  राहुल गांधी जल्द ही वायनाड के दौरे पर भी जाने वाले हैं. इस बीच अलग-अलग नेताओं की ज़िम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी.

राहुल गांधी बोले- संसद में जिम्मेदारी लेने को तैयार, महीने भर में पार्टी चुने नया अध्यक्ष

इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद में जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, लेकिन पार्टी एक महीने के भीतर नया अध्यक्ष चुन ले. बता दें कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाए को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी. सूत्रों और मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया.

राहुल गांधी को क्यों इस्तीफ़ा देना चाहिए...?

इसी बैठक में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया और पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया.

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