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This Article is From May 06, 2019

तेजबहादुर का नया वीडियो : किसे मिल रहा फायदा, पीएम मोदी को या बर्खास्त सिपाही को!

वाराणसी में समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रहे बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर सिंह का वीडियो वायरल, शराब पीते हुए दिखाई दे रहे

तेजबहादुर का नया वीडियो : किसे मिल रहा फायदा, पीएम मोदी को या बर्खास्त सिपाही को!
तेजबहादुर का नया वीडियो वायरल हुआ है जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है.
वाराणसी:

बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेजबहादुर (Tejbahadur) जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ चुनाव लड़ने वाराणसी (Varanasi) आए हैं तब से वे लगातार किसी न किसी वजह से सुर्ख़ियों में बने हुए हैं. हालांकि जब वे निर्दलीय प्रचार कर रहे थे तब अपने नोट और वोट के तरीके से लोगों का ध्यान खींच रहे थे और विवादों में भी नहीं थे लेकिन जैसे ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने उनके कंधे पर हाथ रखा वैसे ही वे एक के बाद एक मुसीबतों में घिरते जा रहे हैं. पहले उनके नामांकन को लेकर विवाद, फिर उसके खारिज होने का विवाद, फिर उनका सपा के प्रत्याशी के प्रचार का ऐलान करने के बाद एक और ताजा विवाद. अब दो साल पुराना शराब पीते हुए उनका वीजुअल आया है जिससे उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. ताजा विवाद का विषय बने इस पुराने वीडियो में कहा जा रहा है कि 50 करोड़ में पीएम को खत्म कर सकते हैं.

वायरल हो रहे इस वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी (BJP) के लोग भी इसका जवाब देने के लिए सामने आ गए बीजेपी के जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्वीट कर इस पर अपनी कमेंट किया.

तेजबहादुर (Tejbahadur) भी पीछे नहीं हटे. वाराणसी में सपा के प्रचार के दौरान जब पत्रकारों ने उनसे इस पर सीधा सवाल किया तो उन्होंने कहा कि "उनसे पूछिए कि कौन दे रहा है दो करोड़ रुपये. यह सब बकवास है. झूठ, अफवाह फैलाई जा रही है. ये ब्लैकमेलर हैं. मैंने सुबह नाम भी बताया था आपको और कहा था कि देखना किस-किस तरह के वीडियो निकालकर लाएंगे ये लोग. आपने देखा होगा वीडियो. इसकी जांच कराएं और अगर गलत है तो डाल दे हमें जेल में, मैं तैयार हूं. मोदी जी क्यों डरे हैं एक जवान से. हम सुप्रीम कोर्ट गए तो उनको लगा कि शायद यहां का चुनाव रद्द ही न हो जाए. तो ऐसे वीडियो आते रहेंगे, हमें परवाह नहीं."

तेजबहादुर के विवादित वीडियो से किसको फायदा हो रहा है? क्या तेज बहादुर इसमें घिर रहे हैं? या यह खुद तेज बहादुर को बड़ा बनाने में सहायक हो रहा है? क्या तेज बहादुर खुद इसे मोदी के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं? इन सब सवालों के जवाब सपा की नई चाल से देखना चाहिए. तेज बहादुर को लेकर समाजवादी पार्टी ने जो तुरुप की चाल चली है, लगता है उससे बीजेपी कुछ असहज हुई है. और अगर नहीं भी हुई है तो इस तरह के हर विवाद में सपा और तेजबहादुर बीजेपी के साथ सीधे नरेंद्र मोदी का नाम खींचकर उन्हें असहज बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनकी लड़ाई सीधे मोदी से होती नज़र आए.  बीएसएफ का बर्खास्त सिपाही इसमें इसलिए सटीक हथियार बन रहा है क्योंकि इस चुनाव को खुद बीजेपी और मोदी ने राष्ट्रवाद के साथ सेना से जोड़ दिया है. लिहाजा जब एक सेना का ही सिपाही सीधे अटैक कर रहा है तो उसकी मारक क्षमता तेज नज़र आ रही है.  

तेजबहादुर को भी इस तरह का विवाद अपने लिए ज़्यादा मुफीद नज़र आ रहा है क्योंकि जब वह यहां निर्दलीय नामांकन कर अपने चंद साथियों के साथ घूम रहे थे तो न तो मीडिया और न ही बीजेपी उन्हें  कोई तवज़्ज़ो दे रही थी. लेकिन सपा में आने के बाद वे रातोंरात स्टार बन गए. उनकी खबरें ट्वीटर से लेकर हर जगह ट्रेंड करने लगी. मीडिया के बड़े-बड़े लोगों का जमावड़ा लगने लगा. इसके साथ ही उनकी लड़ाई सीधे देश के सबसे ताकतवर इंसान से होने लगी तो इसमें तेजबहादुर का ही ज़्यादा फायदा है. इसलिए वे हर लड़ाई को बड़ी करने के लिए चुनौती दे रहे हैं और वह भी सीधे प्रधानमंत्री को.

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VIDEO : वाराणसी में पीएम मोदी बनाम तेजबहादुर

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