महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी - शिवसेना एक बार फिर साथ आते दिख रहे हैं. सूत्रों की मानें तो बिहार की तर्ज पर बीजेपी महाराष्ट्र में शिवसेना के आगे झुकने को तैयार हो गई है. दोनो में 24-24 सीटों पर बात बनती दिख रही है. ये अलग बात है कि शिवसेना अभी ऐसे किसी प्रस्ताव से ही इनकार कर रही है. मातोश्री में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मार्गदर्शन ले बाहर निकले सांसदों में से एक सजंय राऊत ने अभी तक किसी प्रस्ताव से इनकार किया लेकिन हमेशा की तरह अकेले लड़ने की बात नहीं दोहराई. संजय राऊत ने कहा कि युति पर कोई चर्चा नही हुई. कोई प्रस्ताव भी नहीं आया है. उद्धव जी कह चुके हैं हम पूरी तरह से लड़ने के लिए तैयार हैं. महाराष्ट्र में हम बड़े भाई हैं और इस नाते हम देश की और राज्य की राजनीति करेंगे.'
ये इत्तेफाक ही था कि एक ही दिन जालना में बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक थी तो मुंबई में शिवसेना के सांसदों की. जालना में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बिना नाम लिए किसी के सामने लाचारी की बात से तो इनकार किया लेकिन ये भी भरोसा जताया कि जो हिंदुत्व मानते हैं वो साथ आएंगे.
जानकारों की मानें तो बड़े भाई का मतलब मुख्यमंत्री पद से है. मतलब सीटों का फार्मूला तय हो चुका है, बात सिर्फ विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री किसका हो इस पर अटकी है. बीजेपी जिसकी सीट ज्यादा उसका मुख्यमंत्री जबकि शिवसेना हर हाल में अपना ही मुख्यमंत्री चाहती है. संजय राऊत भले अभी कोई पुष्टि नही करें पर चर्चा तो यहां तक है कि राज्य की 48 लोकसभा सीटों पर दोनों ही पार्टियां बराबरी पर मतलब 24-24 सीटों पर लड़ने को तैयार हो गई हैं. पिछली बार बीजेपी ने 26 और शिवसेना 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बीच केंद्रिय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी गठबंधन होने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि हम सरकार में हिस्सेदार हैं. शिवसेना एनडीए का हिस्सा है. लोकसभा में हम साथ मिल कर लड़े थे. 26-22 पर. विधानसभा में अलग लड़े थे. शिवसेना हमारी पार्टनर है ही. इस साल क्या होने वाला है. इंतज़ार कीजिए.
शिवसेना की ओर से दिए गए कुछ बयान
- उद्धव ठाकरे का अमित शाह पर पलटवार, बोले- मेरी पार्टी को हराने वाला पैदा नहीं हुआ है
- शिवसेना ने मोदी सरकार से पूछा: आरक्षण तो दे दिया, नौकरियां कहां है? अगर यह चुनावी चाल है तो महंगा पड़ेगा
- पीएम मोदी नौकरियां देने का श्रेय ले रहे हैं तो देश में बेरोजगारी बढ़ने की भी जिम्मेदारी लें : शिवसेना
- संजय राउत का दावा- देश 'खंडित जनादेश' की तरफ बढ़ रहा है, नितिन गडकरी कर रहे हैं इंतजार
- राम मंदिर निर्माण पर शिवसेना का प्रहार: BJP ने भारत को धोखा दिया, राम मंदिर अभी नहीं तो कभी नहीं
- शिवसेना का BJP पर हमला, 'NDA किसी एक पार्टी की जागीर नहीं', राफेल में चोरी नहीं तो JPC जांच से डर क्यों?
वैसे राजनीति में ना का मतलब हां भी होता है, संजय राऊत ने युति की पुष्टि नहीं की लेकिन पहले की तरह साफ तौर से मना भी नहीं किया बल्कि राज्य में शिवसेना के बड़ा भाई होने की बात कहकर युति के लिए चर्चा चलने की बात को ही बल दिया है.
बाल ठाकरे पर स्मारक से क्या सुधरेंगे बीजेपी और शिवसेना के रिश्ते?
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