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This Article is From Mar 13, 2019

गृहमंत्री राजनाथ सिंह तीसरी बार बदल सकते हैं सीट, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की नोएडा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा (Mahesh Sharma) के स्थान पर प्रतिष्ठित गौतम बुद्ध नगर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ सकते हैं.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह तीसरी बार बदल सकते हैं सीट, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की नोएडा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
गृहमंत्री राजनाथ सिंह. (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली:

मौजूदा लोकसभा में लखनऊ सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के स्थान पर प्रतिष्ठित गौतम बुद्ध नगर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ सकते हैं. वहीं महेश शर्मा (Mahesh Sharma) को राजस्थान के अलवर भेजा जा सकता है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन (SP-BSP Alliance) के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सत्ता विरोधी लहर से पार पाने के लिए मौजूदा सदस्य को टिकट नहीं देने के अपने आजमाए गए फॉर्मूले के तहत काम कर रहे हैं. भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व और स्थानीय आरएसएस इकाइयों द्वारा कराए गए शुरुआती सर्वेक्षण में गौतम बुद्ध नगर की ग्रामीण आबादी में पार्टी के प्रति गुस्सा था, जोकि क्षेत्र की कुल आबादी का 40 प्रतिशत है. संसदीय क्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर तो ग्रामीण इलाकों के विधानसभा क्षेत्र खुर्जा, सिंकदराबाद और जेवर आते हैं.

राजनीति पार्टियों द्वारा ऊपरी तौर लगाए गए अनुमान के अनुसार, संसदीय क्षेत्र के 19 लाख मतदाताओं में से 12 लाख मतदाता ग्रामीण इलाके से आते हैं. शहरी मतदाताओं की संख्या 7 लाख है. इन सब में मुस्लिम, गुज्जर और जाटों के बाद राजपूतों की संख्या सबसे अधिक है. यह जातीय समीकरण था, जिसने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां की पांच सीटों पर जीत दर्ज करने में मदद की थी. पार्टी के तीन विधायक- राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, बिमला सोलंकी और धीरेंद्र सिंह- राजपूत हैं.

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संसदीय क्षेत्र का सामाजिक समीकरण हमेशा राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के पक्ष में रहा है. उन्हें 2009 लोकसभा चुनाव में गौतम बुद्ध नगर से चुनाव लड़ने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा. 2014 लोकसभा चुनाव में, पार्टी ने लखनऊ से उन्हें चुनाव लड़वाया, जिस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करते थे. 

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महेश शर्मा ने 2014 में यहां से सपा के नरेंद्र भाटी को 2,80,212 मतों के अंतर से हराया था. बसपा के सतीश कुमार को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था. लेकिन पार्टी के सर्वेक्षण में यहां के ग्रामीण इलाकों में शर्मा के प्रति गुस्से की वजह से पार्टी पेशे से डॉक्टर शर्मा को अलवर सीट से चुनाव लड़वाने की सोच रही है. उनका जन्म अलवर के मनेठी गांव में हुआ था. भाजपा के महंत चंद नाथ ने अलवर से 2014 लोकसभा चुनाव में भंवर जितेंद्र सिंह को 2,83,895 मतों के अंतर से हराया था. भाजपा के जसवंत सिंह यादव को हालांकि कांग्रेस के करण सिंह यादव के हाथों यहां 2018 में हुए उपचुनाव में हार का स्वाद चखना पड़ा था. सांसद नाथ का 2017 में कैंसर की वजह से निधन हो गया था.

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राजस्थान भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया, 'अलवर और अजमेर को छोड़कर 23 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के बारे में आंतरिक चर्चा हुई है. दोनों सीटों पर शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगा.' सपा व बसपा के बीच समझौते की वजह से, गौतम बुद्ध नगर बसपा के पास है, जहां से गठबंधन प्रभारी सतवीर नागर चुनाव लड़ेंगे. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल भी इस सीट के लिए अपना दावा ठोक रहे हैं. पेशे से चार्टर अकाउंटेंड अग्रवाल को 2014 में इस सीट से टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन अंतिम मौके पर पार्टी ने शर्मा को यहां से टिकट दे दिया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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