कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. वे सन 2004 से गांधी परिवार की इस पारंपरिक सीट से निरंतर चुनाव जीतते आ रहे हैं. इस लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) में राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी की नेत्री केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) से है. पिछले लोकसभा चुनाव में भी उनका मुकबला स्मृति से हुआ था जिसमें राहुल विजयी हुए थे.
राहुल गांधी से पहले के नेहरू-गांधी परिवार के नेता जहां कांग्रेस का नेतृत्व करते रहे वहीं उनकी मां सोनिया के सक्रिय होने के साथ गठबंधन की राजनीति परवान चढ़ी. स्वाभाविक रूप से राहुल गांधी को सिर्फ कांग्रेस के नेतृत्व की विरासत ही नहीं मिली अनेक दलों को साथ लेकर चलने की चुनौती भी मिली. पिछले करीब तीन दशकों में देश की राजनीतिक धारा ने वह प्रवाह पकड़ लिया जिसमें राष्ट्रीय राजनीति की वैतरणी में कोई भी दल अकेले पार नहीं पा सकता. लंबे समय तक देश की राजनीति की धुरी रही कांग्रेस पार्टी लगातार सिमटती जा रही है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के जरिए राहुल गांधी के सामने जहां कांग्रेस के पुनरुद्धार की चुनौती है वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी कि यूपीए (UPA) की सहयोगी पार्टियों को एकजुट रखने की भी चुनौती है.
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली में हुआ. उनके पिता राजीव गांधी पेशेवर पायलट थे. बाद में वे राजनीति में आ गए और प्रधानमंत्री बने. उनकी मां सोनिया गांधी इटली मूल की हैं. वे अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़े हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा उनकी छोटी बहिन हैं. राहुल गांधी भारतीय लोकतंत्र की राजनीतिक धारा के प्रमुख आधार माने जाने वाले नेहरू-गांधी परिवार के वंशज हैं. राहुल गांधी-नेहरू परिवार की पांचवी पीढ़ी के नेता हैं. राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी, उनकी दादी इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री रहीं. उनके पिता राजीव गांधी के नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे. राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी उनसे पहले कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और अब कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन यूपीए की अध्यक्ष हैं. राहुल की बहिन प्रियंका गांधी वाड्रा को हाल ही में कांग्रेस का महासचिव बनाया गया है. उनके चाचा संजय गांधी भी कांग्रेस के नेता थे. उनकी चाची मेनका गांधी बीजेपी की नेत्री हैं और केंद्रीय मंत्री हैं. चचेरे भाई वरुण गांधी भी बीजेपी के सांसद हैं.
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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में हुई. बाद में वे उत्तराखंड के प्रसिद्ध दून विद्यालय में पढ़ने चले गए. इसी स्कूल में उनके पिता राजीव गांधी ने भी शिक्षा ली थी. सन 1981 से 83 तक सुरक्षा कारणों के चलते राहुल गांधी को अपनी पढ़ाई घर पर ही करनी पड़ी. सिख उग्रवाद के दौर में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राहुल ज्यादातर अपनी बहन के साथ समय बिताते थे और साथ ही स्कूल जाते थे. राहुल गांधी ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से सन 1994 में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की. वर्ष 1991 में उनके पिता राजीव गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों से उन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय से रोलिंस कॉलेज में स्थानांतरित किया गया था. कॉलेज के दिनों में सुरक्षा के चलते उन्हें अपनी पहचान को छुपाना पड़ा. तब उन्होंने अपना नाम 'राउल विंसी' रखा था. सन 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से उन्होंने एमफिल की उपाधि प्राप्त की.
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ग्रेजुएशन करने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लंदन के प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ तीन साल काम किया. इस दौरान उनकी कंपनी और सहकर्मी उनका वास्तविक परिचय नहीं जानते थे. वे उन्हें उन्हें 'राउल विंसी' के नाम से ही जानते थे. सन 2002 के अंत में राहुल मुंबई की कंपनी 'आउटसोर्सिंग कंपनी बैकअप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड' के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य बन गए.
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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पहला चुनाव सन 2004 में अमेठी से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. सन 2006 के जनवरी माह में हैदराबाद में कांग्रेस के समूह में पार्टी के सदस्यों ने राहुल गांधी को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया. राहुल गांधी को 24 सितंबर 2007 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया. उन्हें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और भारतीय युवा कांग्रेस का प्रभार सौंपा गया. इसके बाद 2009 के आम चुनावों में भी वे जीते और साथ में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली जिसका श्रेय उन्हें दिया गया. जनवरी 2013 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अमेठी की लोकसभा सीट पर पुनः जीत दर्ज की. राहुल गांधी 16 दिसंबर 2017 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए. उनकी राजनैतिक रणनीतियों में जमीनी स्तर पर सक्रियता को बल देना, ग्रामीण जनता के साथ गहरे संबंध स्थापित करना और कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश करना प्रमुख है.
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के परिवार के सदस्यों के राजनीति में प्रवेश के अलग-अलग कारण रहे हैं और इनके पीछे अलग-अलग घटनाएं भी हैं. राहुल के चाचा संजय गांधी की 23 जून 1980 को विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी. उस समय राहुल की दादी इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं. माना जाता है कि संजय गांधी की मौत के बाद इंदिरा गांधी ने अपने बड़े पुत्र राजीव गांधी, जो कि इटली में पायलट थे, को राजनीतिक विरासत संभालने के लिए भारत बुला लिया. राजीव गांधी लौटे और राजनीति में सक्रिय हो गए. लेकिन 19 अक्टूबर 1984 को सिख आतंकियों ने इंदिरा गांधी की हत्या कर दी. इसके तुरंत बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने. इसके बाद एक दशक भी पूरा नहीं हो पाया और श्रीपेरुम्बदूर में तमिल उग्रवादी समूह लिट्टे ने आत्मघाती हमला करके राजीव गांधी की हत्या कर दी. इस घटना के बाद कुछ सालों के अंतराल के बाद सन 1997 में राहुल की मां सोनिया गांधी कांग्रेस की सदस्य बनीं. सन 1998 में उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. कांग्रेस के 132 वर्षों के इतिहास में सोनिया गांधी ही सर्वाधिक लंबे समय तक पार्टी की अध्यक्ष रहीं. वे 1998 से 2017 में राहुल के अध्यक्ष बनने तक करीब 19 साल कांग्रेस अध्यक्ष रहीं.
सन 2003 में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के राजनीति में प्रवेश को लेकर बड़े पैमाने पर अटकलें शुरू हो गई थीं. वे तब सार्वजनिक समारोहों और कांग्रेस की बैठकों में अपनी मां सोनिया के साथ दिखाई देने लगे थे. मार्च 2004 में उन्होंने राजनीति में पदार्पण का ऐलान किया. उन्होंने मई 2004 में चुनाव लड़ा. उन्होंने लोकसभा चुनाव अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से ही लड़ा और तब से इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. पिता राजीव गांधी से पहले राहुल के चाचा संजय गांधी भी इसी क्षेत्र का नेतृत्व कर चुके थे. जब 2004 में अमेठी को राहुल ने चुना तो वहां की तत्कालीन सांसद उनकी मां सोनिया गांधी अमेठी के पड़ोसी निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली चली गईं. उस चुनाव में यूपी की 80 में से सिर्फ 10 लोकसभा सीटें कांग्रेस को मिल सकी थीं.
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सन 2007 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के चुनावी अभियान में राहुल (Rahul Gandhi) ने प्रमुख भूमिका अदा की हालांकि कांग्रेस को कुल 8.53% मत और 22 सीटें ही मिल सकी थीं. अमेठी में रहुल गांधी सन 2004 का चुनाव जहां करीब एक लाख वोटों के अंतर से जीते थे वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 3,33,000 वोटों के अंतर से विजय हासिल की. इन चुनावों में कांग्रेस ने राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 21 जीतकर यूपी में खुद को पुनर्जीवित किया.
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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर अपने बारे में गलत जानकारी देने के आरोप लगते रहे हैं. सन 2006 में उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने हावर्ड और कैम्ब्रिज में अपनी डिग्री पूरी नहीं की और मॉनिटर ग्रुप में काम भी नहीं किया. उनकी एमफिल की डिग्री को लेकर भी सवाल उठाए जा चुके हैं.
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