राहुल गांधी से पूछे गए पांच सवाल
नई दिल्ली:
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. हर बार की तरह ही इस बार भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला होगा. और इसका अंदाजा दोनों ही पार्टियों को भी है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेता एक दूसरे की घेराबंदा करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं. विपक्ष में बैठी कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी से नौकरी, शिक्षा, बेरोजगारी और महंगाई जैसे अहम मुद्दों पर कड़े सवाल पूछते रही है. पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी अलग-अलग राज्यों की रैलियों में भी इन मुद्दों को प्राथमिकता से उठाते रहे हैं. आज हम राहुल गांधी से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के रोड मैप को लेकर 5 सवाल पूछेंगे. इन सवालों के माध्यम से हम राहुल गांधी से पूछेंगे कि क्या उनके पास कोई ऐसी योजना है. जिसके आधार पर वह विपक्ष को एकजुट कर सकें. आइये जानते हैं कौन से हैं वह 5 सवाल....
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1. रोजगार बढ़ाने का क्या प्लान है?
राहुल गांधी बीते लंबे समय से कहते रहे हैं कि देश में रोजगार नहीं बढ़ रहा है और युवा रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि मोदी सरकार ने युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगा है. लिहाजा अब हमें अपने क्षेत्र में ही रोजगार पैदा करना जरूरी है. राहुल गांधी के अनुसार इसके लिए हमें अपने स्तर पर ही उत्पादन शुरू करना होगा. उनके अनुसार बीते दो साल में रोजगार में खास तौर पर कमी आई है. राहुल गांधी के इस दावे को सरकार के आंकड़े भी सही साबित करते हैं. आंकड़ों पर ध्यान दें तो हम पाएंगे कि सितंबर 2016 में जहां रोजगार के 41.79 करोड़ लोग काम करते थे लेकिन अगस्त 2018 में यह आंकड़ा 40.06 करोड़ रह गया है. यानी इस दौरान 1.73 करोड़ रोजगार घटा. लेकिन राहुल गांधी से सवाल है कि यूपीए की सरकार के दौरान रोजगार बढ़ने का आंकड़ा क्या था. यूपीए की सरकार के दौरान वर्ष 2004-09 के बीच रोजगार मिलने का दर सबसे कम था.
2. किसानों की आय कैसे बढ़ाएंगे?
राहुल गांधी का कहना है कि देश में किसानों की आय नहीं बढ़ रही है. हमारा सवाल यह है कि आखिर राहुल गांधी किसानों की आय कैसे बढ़ाएंगे. आखिर उनके पास इसके लिए क्या रोड मैप है. आंकड़ों पर ध्यान दें तो 2005-14 के बीच सालाना 45 लाख लोग ने खेती छोड़ी थी. यह दौर यूपीए सरकार का ही था. यूपीए के शासन के आखिरी सालों में निवेश दर में तेजी से गिरावट आई थी. वहीं मोदी सरकार के पहले दो साल में निवेश की दर कम रही थी लेकिन बीते कुछ समय से उसमें सुधार हुआ है.
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3. निवेश बढ़ाने की क्या योजना है?
किसी भी अर्थव्यवस्था के अच्छा करने की एक वजह निवेश होता है. जिस अर्थव्यस्था में निवेश ज्यादा होता है उसकी हालत भी समान्य और अच्छा होता है. निवेश दर यूपीए वन में यह तेजी से बढ़ा था लेकिन यूपीए टू में यह तेजी से गिरी थी. वर्ष 2011 -12 में निवेश दर में 11.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. वहीं 2012-13 में यह घटकर 4.9 में रह गया इसी तरह यूपीए के आखिरी साल 2013-14 में यह 1.6 फीसदी रहा. मोदी सरकार में भी निवेश नहीं बढ़ रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि राहुल गांधी के पास निवेश को बढ़ाने को लेकर कौन सी योजना है.
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4. बैंक NPA खत्म कैसे करेंगे?
बैंक के लोन उनके पास वापस कैसे आएंगे यह एक बड़ा सवाल है. ऐसा कहा जाता है कि 2005-06 में बेहिचक तरीके से लोन दिया गया. इस दौरान कंपनियों को लोन दिया गया. पॉवर सेक्टर औऱ स्टील सेक्टर में इस तरह से निवेश के लिए लोन दिया गया कि वह पैसा आज तक वापस नहीं आया. दिए गए लोन के 70-80 फीसदी हिस्सा वापस न आने की बात कही जा रही है. कांग्रेस का कहना है कि एनपीए मोदी सरकार के समय ज्यादा बनी है. एनपीए की यह समस्या यूपीए के समय से शुरू हुआ है. राहुल गांधी के पास ऐसा कौन सा तरीका है जिससे वह बैंकों का पैसा वापस दिला सके.
VIDEO: क्या राहुल गांधी के पास हो कोई प्लान?
5. महंगाई को कैसे करेंगे काबू?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीते कुछ समय से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम को एक बड़े सवाल के तौर पर सबके सामने रखते हैं. आंकड़ों को देखें तो महंगाई दर को लेकर मोदी सरकार का रिकॉर्ड यूपीए सरकार से अच्छा है. लोग कहते हैं कि ये जो महंगाई दर जो घटा है इसकी वजह है कि अर्थव्यवस्था में काम नहीं हो रहा है. किसानों को पैसे नहीं मिल रहे हैं. इस वजह से खर्चा कम हो रहा है औऱ काम बढ़ नहीं रहा है. महंगाई को लेकर आंकड़ों को देखें तो 2012-13 में महंगाई दर 10.2 फीसदी थी, 2013-14 में यह 9.5 फीसदी था वहीं 2017-18 में महंगाई दर 3.6 फीसदी है. हमारा सवाल राहुल गांधी से सवाल है कि उनके पास महंगाई कम करने का क्या उपाय है.
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1. रोजगार बढ़ाने का क्या प्लान है?
राहुल गांधी बीते लंबे समय से कहते रहे हैं कि देश में रोजगार नहीं बढ़ रहा है और युवा रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि मोदी सरकार ने युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगा है. लिहाजा अब हमें अपने क्षेत्र में ही रोजगार पैदा करना जरूरी है. राहुल गांधी के अनुसार इसके लिए हमें अपने स्तर पर ही उत्पादन शुरू करना होगा. उनके अनुसार बीते दो साल में रोजगार में खास तौर पर कमी आई है. राहुल गांधी के इस दावे को सरकार के आंकड़े भी सही साबित करते हैं. आंकड़ों पर ध्यान दें तो हम पाएंगे कि सितंबर 2016 में जहां रोजगार के 41.79 करोड़ लोग काम करते थे लेकिन अगस्त 2018 में यह आंकड़ा 40.06 करोड़ रह गया है. यानी इस दौरान 1.73 करोड़ रोजगार घटा. लेकिन राहुल गांधी से सवाल है कि यूपीए की सरकार के दौरान रोजगार बढ़ने का आंकड़ा क्या था. यूपीए की सरकार के दौरान वर्ष 2004-09 के बीच रोजगार मिलने का दर सबसे कम था.
2. किसानों की आय कैसे बढ़ाएंगे?
राहुल गांधी का कहना है कि देश में किसानों की आय नहीं बढ़ रही है. हमारा सवाल यह है कि आखिर राहुल गांधी किसानों की आय कैसे बढ़ाएंगे. आखिर उनके पास इसके लिए क्या रोड मैप है. आंकड़ों पर ध्यान दें तो 2005-14 के बीच सालाना 45 लाख लोग ने खेती छोड़ी थी. यह दौर यूपीए सरकार का ही था. यूपीए के शासन के आखिरी सालों में निवेश दर में तेजी से गिरावट आई थी. वहीं मोदी सरकार के पहले दो साल में निवेश की दर कम रही थी लेकिन बीते कुछ समय से उसमें सुधार हुआ है.
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3. निवेश बढ़ाने की क्या योजना है?
किसी भी अर्थव्यवस्था के अच्छा करने की एक वजह निवेश होता है. जिस अर्थव्यस्था में निवेश ज्यादा होता है उसकी हालत भी समान्य और अच्छा होता है. निवेश दर यूपीए वन में यह तेजी से बढ़ा था लेकिन यूपीए टू में यह तेजी से गिरी थी. वर्ष 2011 -12 में निवेश दर में 11.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. वहीं 2012-13 में यह घटकर 4.9 में रह गया इसी तरह यूपीए के आखिरी साल 2013-14 में यह 1.6 फीसदी रहा. मोदी सरकार में भी निवेश नहीं बढ़ रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि राहुल गांधी के पास निवेश को बढ़ाने को लेकर कौन सी योजना है.
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4. बैंक NPA खत्म कैसे करेंगे?
बैंक के लोन उनके पास वापस कैसे आएंगे यह एक बड़ा सवाल है. ऐसा कहा जाता है कि 2005-06 में बेहिचक तरीके से लोन दिया गया. इस दौरान कंपनियों को लोन दिया गया. पॉवर सेक्टर औऱ स्टील सेक्टर में इस तरह से निवेश के लिए लोन दिया गया कि वह पैसा आज तक वापस नहीं आया. दिए गए लोन के 70-80 फीसदी हिस्सा वापस न आने की बात कही जा रही है. कांग्रेस का कहना है कि एनपीए मोदी सरकार के समय ज्यादा बनी है. एनपीए की यह समस्या यूपीए के समय से शुरू हुआ है. राहुल गांधी के पास ऐसा कौन सा तरीका है जिससे वह बैंकों का पैसा वापस दिला सके.
VIDEO: क्या राहुल गांधी के पास हो कोई प्लान?
5. महंगाई को कैसे करेंगे काबू?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीते कुछ समय से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम को एक बड़े सवाल के तौर पर सबके सामने रखते हैं. आंकड़ों को देखें तो महंगाई दर को लेकर मोदी सरकार का रिकॉर्ड यूपीए सरकार से अच्छा है. लोग कहते हैं कि ये जो महंगाई दर जो घटा है इसकी वजह है कि अर्थव्यवस्था में काम नहीं हो रहा है. किसानों को पैसे नहीं मिल रहे हैं. इस वजह से खर्चा कम हो रहा है औऱ काम बढ़ नहीं रहा है. महंगाई को लेकर आंकड़ों को देखें तो 2012-13 में महंगाई दर 10.2 फीसदी थी, 2013-14 में यह 9.5 फीसदी था वहीं 2017-18 में महंगाई दर 3.6 फीसदी है. हमारा सवाल राहुल गांधी से सवाल है कि उनके पास महंगाई कम करने का क्या उपाय है.
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