विज्ञापन
This Article is From Jan 25, 2019

75 साल से ऊपर के नेताओं का BJP काटेगी 'पत्ता', आडवाणी और जोशी के चुनाव लड़ने पर यह है स्टैंड

बीजेपी के कुछ नेताओं के मुताबिक आडवाणी (LK Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) , सुमित्रा महाजन, शांता कुमार, बी सी खंडूडी, हुकुम देव नारायण यादव, बी एस येदयुरप्पा जैसे पचहत्तर पार नेताओं के चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है.

75 साल से ऊपर के नेताओं का BJP काटेगी 'पत्ता', आडवाणी और जोशी के चुनाव लड़ने पर यह है स्टैंड
अडवाणी-जोशी को लेकर बीजेपी का ऐलान
नई दिल्ली:

बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य और पार्टी के वरिष्ठतम नेता लाल कृष्ण आडवाणी (LK Advani) एक बार फिर लोक सभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, पार्टी ने यह फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया है. बीजेपी के कुछ नेताओं के मुताबिक आडवाणी (LK Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) , सुमित्रा महाजन, शांता कुमार, बी सी खंडूडी, हुकुम देव नारायण यादव, बी एस येदयुरप्पा जैसे पचहत्तर पार नेताओं के चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है. उनका कहना है कि ऐसा नियम चुनाव लड़ने के बारे में नहीं है. लेकिन यह तय है कि अगर वे चुनाव जीत कर आते हैं तो 75 पार के इन नेताओं को कोई मंत्री पद नहीं दिया जाएगा. बीजेपी नेताओं का यह भी कहना है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma swaraj) का चुनाव न लड़ने का फैसला उनका अपना है और पार्टी ने इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. सुषमा स्वराज और उमा भारती ने स्वास्थ्य की दृष्टि से चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. 

दिल्ली विधानसभा के 25 साल : उत्सव में शामिल नहीं होंगे आडवाणी, कांग्रेस ने भी किया बहिष्कार

हालांकि अभी यह जानकारी नहीं है कि 91 साल के आडवाणी और 84 साल के जोशी फिर चुनाव लड़ना चाहेंगे या नहीं. जोशी के करीबी सूत्रों के अनुसार पार्टी जो भी फैसला करेगी, वे उसे मानेंगे. गौरतलब है कि बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार और बी सी खंडूडी को 2014 में चुनाव जीतने के बावजूद सरकार में शामिल नहीं किया गया था. सूत्रों के अनुसार आडवाणी लोक सभा अध्यक्ष बनने के इच्चुक थे. लेकिन पार्टी ने यह जिम्मेदारी सुमित्रा महाजन को सौंपी. इतना ही नहीं, मोदी मंत्रिमंडल में मई 2014 में शामिल किए उन मंत्रियों को बाद में हटा दिया गया जो बाद में 75 वर्ष को पार कर गए. इनमें कैबिनेट मंत्री नजमा हेपतुल्ला और कलराज मिश्र जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं.

छह दिसंबर 1992 जब कुछ मिनटों में ही ढहा दी गई थी बाबरी मस्जिद, पढ़ें अयोध्या विवाद का पूरा मामला...

सरकार से अलग रखे जाने पर इन बुजुर्ग नेताओं का गुस्सा बीच-बीच में फूटता रहा है. बिहार  विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद आडवाणी, जोशी और यशवंत सिन्हा जैसे नेताओं ने पत्र लिख कर नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. लोक सभा में कामकाज न होने पर आडवाणी कई बार खुल कर सदन के भीतर ही नाराजगी जता चुके है. 

मध्य प्रदेश में ऐसे ही एक उम्रदराज बीजेपी नेता बाबूलाल गौर ने पार्टी की नाक में दम कर रखा है. वे हाल के विधानसभा चुनाव में खुद लड़ना चाहते थे. बाद में पार्टी ने उनकी बहू को टिकट देकर उन्हें मनाया. अब वे यह कह कर पार्टी को धमका रहे हैं कि कांग्रेस उन्हे भोपाल लोक सभा सीट से उम्मीदवार बनाना चाहती है. एक अन्य बुजुर्ग नेता सरताज सिंह को शिवराज सिंह चौहान सरकार से 75 साल की उम्र पार कर लेने के बाद हटा दिया गया था. विधानसभा चुनाव में वे बागी हो गए और कांग्रेस के टिकट पर होशंगाबाद से चुनाव लड़े. हालांकि उनकी हार हो गई.

लालकृष्ण आडवाणी को पीएम मोदी दी जन्मदिन की बधाई, बोले- भारत के विकास में आपका बड़ा योगदान

उत्तर प्रदेश के बदले हालात में बीजेपी मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे कद्दावर ब्राह्मण नेताओं को चुनावी लड़ाई से अलग करने का जोखिम मोल नहीं सकती. खासतौर से तब जबकि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस की कोशिश इस इलाके में निर्णायक भूमिका निभाने वाले ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पाले में लाने की है. कलराज मिश्र पूर्वांचल की देवरिया और मुरली मनोहर जोशी कानपुर से लोक सभा सांसद हैं. 

VIDEO: अटल बिहारी वाजपेयी का निधन. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com