मध्य प्रदेश में सोमवार को पहले चरण का मतदान हुआ. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के लिए उस समय असहज स्थिति बन गई जब वह अपने परिवार सहित मतदान केंद्र पहुंचे, लेकिन वहां बिजली चली गई. इसके चलते उन्हें वहां मौजूद मीडियाकर्मियों के कैमरों की रोशनी में मताधिकार का इस्तेमाल करना पड़ा. इससे नाराज होकर कमलनाथ (Kamal Nath) ने मतदान करने के बाद मीडिया को बताया कि वह इस मामले की जांच कराएंगे कि ऐसा क्यों हुआ.
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कमलनाथ सुबह अपनी पत्नी अलका नाथ, बेटे नकुलनाथ और पुत्रवधु प्रिया नाथ के साथ सौंसर विधानसभा सीट के शिकारपुर मतदान केंद्र पर मतदान करने गए थे. तभी वहां बिजली चली गई और उन्हें मीडियाकर्मियों के कैमरों की फ्लैशलाइट में मतदान करना पड़ा. मतदान केंद्र की बिजली लगभग 20-25 मिनट तक गुल रही. चुनाव पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह सिसोदिया ने बिजली जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि कमलनाथ परिवार सहित जब मतदान के लिए केंद्र पहुंचे थे तब कुछ देर के लिए बिजली गई थी.
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छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ कांग्रेस प्रत्याशी हैं, जबकि छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर कमलनाथ कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव लड़ रहे हैं. प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद नियमानुसार उन्हें छह माह के अंदर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना है. उनके लिए उनके समर्थक दीपक सक्सेना ने इस्तीफा देकर छिंदवाड़ा विधानसभा सीट खाली की थी. इसके तहत चुनाव आयोग को यहां उपचुनाव कराना पड़ रहा है.
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प्रदेश में चुनाव के दौरान हो रही अघोषित बिजली कटौती एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है. नवंबर 2018 से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से बारम्बार अघोषित बिजली कटौती हो रही है. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि बिजली कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने जानबूझकर कांग्रेस के खिलाफ किसी षडयंत्र के तहत ऐसा किया है. सरकार ने शक के दायरे में आने के बाद ऐसे 500 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है.
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(इनपुट: भाषा)
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