यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए के घटक दल अपना दल (सोनेवाल) को मनाने में तो बीजेपी कामयाब हो गई है लेकिन एक अन्य छोटी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को संतुष्ट करने में फिलहाल कामयाब नहीं हो पाई है. इस पार्टी की कुछ ऐसी मांगें हैं जिनको लेकर बीजेपी अध्यक्ष ने तो आश्वासन दे दिया लेकिन यूपी सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही.
पिछड़ों के आरक्षण में आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार से नाता तोड़ने की चेतावनी देने वाली उसकी सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि गठबंधन जारी रखने को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है.
प्रदेश के दिव्यांग जन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने शुक्रवार को बलिया जिले के रसड़ा कस्बे में दिव्यांगों को उपकरण वितरण कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि फिलहाल उनका भाजपा से गठबंधन को लेकर मसला सुलझा नहीं है. उन्होंने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में उनकी बैठक आगामी चार मार्च को होगी. बैठक में सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट कब और कैसे लागू होगी, समेत अनेक मुद्दों पर बातचीत होगी.
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गौरतलब है कि राजभर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित सामाजिक न्याय समिति की सिफारिश के तहत पिछड़ों के लिए कोटा में कोटा लागू करने की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं. राजभर ने पूर्व में ऐलान किया था कि अगर उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई तो वे 24 फरवरी को भाजपा से नाता तोड़ लेंगे. राजभर की गत 19 फरवरी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात हुई थी.
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राजभर ने बताया कि बैठक में शाह से सुभासपा के लिए कार्यालय भवन के आवंटन, विभिन्न शासकीय निगमों में सुभासपा नेताओं की नियुक्ति के सवाल पर चर्चा हुई. इस पर शाह ने राज्य सरकार से वे मांगें पूरी करने को कहा, मगर अभी तक कुछ नहीं हुआ.
(इनपुट भाषा से)
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