पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद वायुसेना (IAF) द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए 'सर्जिकल स्ट्राइक-2' से देश का सियासी माहौल बदल गया है. पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद की स्थिति ने मजबूती से उभरी बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्ष को लोकसभा चुनाव (2019) के लिए 'महागठबंधन' को लेकर एक बार फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ विरोधाभास और जारी प्रतिद्वंद्विता के बावजूद एक बार फिर से महागठबंधन (Grand Alliance) को लेकर अलग-अलग पार्टियां उत्सुक हैं.
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के लिए फिर से विचार करने का आग्रह किया है. दोनों पार्टियां राज्य स्तर पर धुर विरोधी हैं.
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बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी पर अपनी पार्टी के साथ गठजोड़ को खारिज करने का आरोप लगाया और दिल्ली की 7 संसदीय सीटों में से छह पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है. सूत्रों ने बताया कि आप-कांग्रेस के बीच गठबंधन के लिए ममता बनर्जी मध्यस्थता में जुटीं हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनवरी महीने में राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल से मतभेदों को दूर करके दिल्ली में गठबंधन का प्रयास करने का अनुरोध किया था.
ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ अपने मतभेदों को भूलाकर एक उदाहरण स्थापित कर सकती हैं.
तृणमूल नेता अब कांग्रेस के साथ अपने मतभेदों को भूलाकर एक उदाहरण स्थापित कर सकती हैं. सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों की पश्चिम बंगाल की 42 संसदीय सीटों पर आपसी सहमति बन सकती है. हालांकि दिलचस्प बात यह है कि टीएमसी की कट्टर प्रतिद्वंदी सीपीएम ने कांग्रेस के साथ बंगाल की 6 सीटों पर समझौते की बात कही है.
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सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल में 6 सीटों पर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 'एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव ना लड़ने' का प्रस्ताव दिया. ये वह सीटें हैं, जिनपर न तो बीजेपी और न ही टीएमसी का कब्जा है. इनमें से चार सीटें अभी कांग्रेस और 2 वाम मोर्चें के पास हैं. हालांकि, सीपीएम और कांग्रेस रायगंज में टकरा सकते हैं. दोनों पार्टियों के पास इस सीट के लिए मजबूत उम्मीदवार हैं. कांग्रेस की दीपा दासमुंशी ने तीन बार इस सीट पर कब्जा जमाया, जबकि सीपीएम के मोहम्मद सलीम मौजूदा सांसद हैं.
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