साझा रैली में मायावती और अखिलेश यादव मोदी सरकार पर बरसे, कांग्रेस को भी नहीं छोड़ा

बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि अगर भीड़ की जानकारी पीएम मोदी को मिलेगी तो वे पगला जाएंगे और अगली बार शराब के साथ-साथ और न जाने क्या-क्या कहेंगे.

साझा रैली में मायावती और अखिलेश यादव मोदी सरकार पर बरसे, कांग्रेस को भी नहीं छोड़ा

खास बातें

  • देवबंद की रैली में गरजे मायावती-अखिलेश यादव
  • मोदी सरकार पर जमकर साधा निशाना
  • कहा- अब बीजेपी को सत्ता से हटाने की जरूरत
नई दिल्ली :

बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि अगर भीड़ की जानकारी पीएम मोदी को मिलेगी तो वे पगला जाएंगे और अगली बार शराब के साथ-साथ और न जाने क्या-क्या कहेंगे. इसका संज्ञान नहीं लेना है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि अब यूपी से बीजेपी जा रही है और महागठबंधन आ रहा है, बशर्ते वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ न हो. बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. कहा कि कांग्रेस अपनी गलत नीतियों की वजह से हारी. यह हालत बीजेपी की होगी. इस बार सत्ता से बाहर होंगे. इस बार चौकीदारी का नाटक भी नहीं बचा पाएगा.  चाहे कितनी भी ताकत न लगा लें.  

BSP-SP-RLD की संयुक्त रैली में दिखे चंद्रशेखर आजाद के पोस्टर्स, मायावती ने बताया था BJP की B टीम

मायावती ने कहा कि लोगों को अच्छे दिन दिखाने का प्रलोभन दिया गया था, लेकिन एक चौथाई वादे भी पूरे नहीं किये गए. इस बार फिर तमाम हथकंडे अपनाकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. चुनाव घोषित होने के दिन तक उद्घाटन किया. उन्होंने कहा की पीएम मोदी का ज्यादा समय अपने पूंजीपति दोस्तों को बचाने में गया. उन्हीं की चौकीदारी करते रहे. उन्हें ही मालामाल करते रहे. देश के किसान इस सरकार में शुरू से ही दुखी रहे. यूपी में बीजेपी की सरकार ने आवारा पशुओं के जरिये और भी बर्बाद कर दिया. गन्ना किसान भी परेशान हैं.  

मायावती ने कहा कि हमें मौका मिला तो किसानों का कोई बकाया नहीं रहेगा. दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण का कोटा अधूरा पड़ा है. पहले कांग्रेस और अब बीजेपी की सरकार में इन वर्गों को प्राइवेट नौकरी में आरक्षण देने के बजाय सारे काम धन्ना सेठों को दिये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से बेरोजगारी बढ़ी है. देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है. साथ ही भ्रष्टाचार भी बढ़ा है. कांग्रेस की सरकार में बोफोर्स और अब भाजपा की सरकार में राफेल सौदा घोटालों का सबूत है. देश की सीमाएं भी सुरक्षित नहीं हैं. मायावती ने मोदी सरकार पर सीबीआई, ईडी आदि के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया.  

मोदी को भारत बताकर बीजेपी वाले कांग्रेस जैसी गलती कर रहे हैं : मायावती

बसपा प्रमुख ने कहा कि मेरी पार्टी घोषणापत्र से ज्यादा काम में विश्वास रखती है. ये सब जानते हैं. मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबों को लुभाने के लिए 6 हजार रुपये प्रतिमाह देने की बात कही है, इससे गरीबी दूर होने वाली नहीं है. अगर हमारी सरकार बनती है तो सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी. कांग्रेस के प्रलोभन में नहीं आना है. इंदिरा गांधी ने भी 'गरीबी हटाओ' के नाम पर नाटकबाजी की थी. चुनाव के समय ही गरीबों की याद क्यों आती है, यह भी सोचने की बात है. मायावती ने कहा कि मैं मुस्लिम समाज के लोगों से कहना चाहती हूं कि कांग्रेस बीजेपी को टक्कर नहीं दे सकती है, सिर्फ महागठबंधन ही उन्हें हरा सकता है. इसलिये महागठबंधन को ही वोट दें. मेरे पास रिपोर्ट है कि कांग्रेस चाहती है कि वे भले ही न जीतें, लेकिन महागठबंधन को कतई जीतने नहीं देना है. 

लोकसभा चुनाव : क्या मायावती बन पाएंगी इस बार देश की पहली दलित प्रधानमंत्री?

दूसरी तरफ, देवबंद की रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पहले चायवाला, अब चौकीदार. अब नयी सरकार और नया प्रधानमंत्री चुनने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि इस बार सभी गरीब सभी किसान इन चौकीदारों की चौकी छीनने का काम करेंगे. हमें ठगबंधन बोलते हैं. शराब बोलने वाले लोग सत्ता के नशे में चूर हैं. हमने देखा कि टीवी पर पैर धोए जा रहे थे, वहीं पीछे से दलित भाईयों की नौकरियां जाती रहीं जीएसटी से छोटे कारोबारियों कोई लाभ नहीं हुआ.  अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं. हमारे जवान मर रहे हैं बीजेपी की ज़िम्मेदारी है. ये महापरिवर्तन का चुनाव है. ये दूरियों को मिटाने का चुनाव है. हमें नफ़रत की दीवार गिरानी है. उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस है वही बीजेपी है, जो बीजेपी है वही कांग्रेस है. कांग्रेस परिवर्तन नहीं चाहती वो अपनी पार्टी बनाना चाहती है. आपको देखना होगा कि कौन परिवर्तन लाएगा.  

कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर BSP चीफ मायावती ने साधा निशाना, जानें क्या कहा

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

रवीश की रिपोर्ट : यूपी में बीजेपी को महागठबंधन की चुनौती​