लोकसभा चुनाव 2019 में इस बार बिहार का बेगूसराय खासा चर्चाओं में है, जिस पर सबकी नजरें टिकी हैं. कारण कि यहां पहली बार चुनावी अखाड़े में अपनी किस्मत आजमाने आए जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बेगूसराय सीट से लोकसभा चुनाव के उम्मीवार कन्हैया कुमार, एनडीए के गिरिराज सिंह और महागठबंधन के तनवीर हसन के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार आज यानी मंगलवार (9 अप्रैल) को अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं, जिसमें अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली. कन्हैया कुमार को समर्थन देने के लिए विधायक जिग्नेश मेवानी, शेहला रशीद, गुरमेहर कौर और नजीब की मां अम्मा फ़ातिमा नफ़ीस तमाम लोग बिहार के बेगूसराय में पहुंचे हुए हैं, जो नामांकन के समय रोड शो में भी दिखे. इतना ही नहीं, कन्हैया के समर्थन में सड़कों पर जनसैलाब देखने को मिला. लाल झंडों और लाल सलाम के नारों के साथ समर्थक कन्हैया के साथ नामांकन के लिए जाते दिखे.
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नामांकन करने के जार रहे कन्हैया ने अपने ट्विटर अकांट से एक ट्वीट किया और लिखा- 'अम्मा फ़ातिमा नफ़ीस, जिग्नेश, शेहला, गुरमेहर समेत उन तमाम साथियों का शुक्रिया जो संविधान और लोकतंत्र को बचाने के संघर्ष को मज़बूत करने के लिए बेगूसराय आए हैं. जहां देखो वहां हमारे साथी लाल झंडों के साथ नज़र आ रहे हैं. एकजुटता का ऐसा भव्य नज़ारा सबमें जोश भर रहा है.'
अम्मा फ़ातिमा नफ़ीस, जिग्नेश, शेहला, गुरमेहर समेत उन तमाम साथियों का शुक्रिया जो संविधान और लोकतंत्र को बचाने के संघर्ष को मज़बूत करने के लिए बेगूसराय आए हैं। जहाँ देखो वहाँ हमारे साथी लाल झंडों के साथ नज़र आ रहे हैं। एकजुटता का ऐसा भव्य नज़ारा सबमें जोश भर रहा है। pic.twitter.com/0lkW4FAFF9
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) April 9, 2019
कन्हैया कुमार ने नामांकन करने जाने से पहले अपनी मां का आशीर्वाद लिया. उन्होंने ट्विटर पर तस्वीरें साझा कर लिखा- मांओं के आशीर्वाद और दुआओं के साथ नामांकन के लिए निकल रहा हूं. यह सीख उनसे ही मिली है कि लक्ष्य चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो अगर हम लगातार कोशिश करें तो जीत ज़रूर मिलती है. और यह भी कि पूरी दुनिया के दुख-दर्द को अपना दुख-दर्द समझना ही इंसान होने की पहली शर्त है'.
माँओं के आशीर्वाद और दुआओं के साथ नामांकन के लिए निकल रहा हूँ। यह सीख उनसे ही मिली है कि लक्ष्य चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो अगर हम लगातार कोशिश करें तो जीत ज़रूर मिलती है। और यह भी कि पूरी दुनिया के दुख-दर्द को अपना दुख-दर्द समझना ही इंसान होने की पहली शर्त है। pic.twitter.com/klsu9WQDah
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) April 9, 2019
इसके बाद कन्हैया कुमार राष्ट्रकवि दिनकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करने पहुंचे. कन्हैया ने इसे भी अपने ट्विटर पर साझा किया और लिखा- 'राष्ट्रकवि दिनकर की धरती नफ़रत फैलाकर सियासत करने वालों को कभी पनपने नहीं देगी. उन्हीं के शब्दों में- "जब तक मनुज-मनुज का यह/सुख भाग नहीं सम होगा/ शमित न होगा कोलाहल/ संघर्ष नहीं कम होगा."
राष्ट्रकवि दिनकर की धरती नफ़रत फैलाकर सियासत करने वालों को कभी पनपने नहीं देगी। उन्हीं के शब्दों में - "जब तक मनुज-मनुज का यह / सुख भाग नहीं सम होगा / शमित न होगा कोलाहल / संघर्ष नहीं कम होगा।" pic.twitter.com/KgRuPWUCxX
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) April 9, 2019
गुरमेहर कौर ने एक वीडियो को रिट्वीट किया है, जिसमें कन्हैया के समर्थन के लिए आईं फ़ातिमा नफ़ीस ने कहा कि मुझे खुशी है और यकीन हो गया है कि कन्हैया जरूर जीतेगा. मैं यहां के लोगों में काफी जोश देख रही हूं. कन्हैया सिर्फ बेगूसराय का नहीं, देश का हीरो है, वह सबका बेटा है, देश का बेटा. वहीं शेहला रशीद ने कहा कि हमें ऐसा लग रहा है कि आज सिर्फ बेगूसराय की लड़ाई नहीं है, पूरे देश की लड़ाई है. पूरे मुल्क की लड़ाई है. देश की आज जरूरत है कि एक नया नेता मिले. वहीं, गुरमेहर ने कहा कि मुझे नहीं याद है कि किसी गैर राजनीतिक किसी व्यक्ति ने इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी रैली की है. यह एक तरह से जीत है.'
As @kanhaiyakumar goes to file his nomination from Begusarai, @FatimaNafis1 @Shehla_Rashid and @mehartweets join the caravan to cheer him on. @TeestaSetalvad reporting from Begusarai on #Elections2019 #HateFreeElections pic.twitter.com/v7BlUkW3la
— Deborah Grey (@GreyFrost) April 9, 2019
बता दें कि इस सीट पर कन्हैया कुमार के सामने बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हैं तो राजद महागठबंधन की तरफ से तनवीर हसन. बेगूसराय में मुकाबला त्रिकोणीय है, क्योंकि कन्हैया कुमार का मुकाबला सिर्फ गिरिराज सिंह ही नहीं, बल्कि महागठबंधन के राजद उम्मीदवार डॉ तनवीर हसन से भी है. बता दें कि इस सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा.
— manish (@manishndtv) April 9, 2019
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रिपोर्ट की मानें तो बेगूसराय के 19 लाख मतदाताओं में भूमिहार मतदाता करीब 19 फीसदी, 15 फीसदी मुस्लिम, 12 फीसदी यादव और सात फीसदी कुर्मी हैं. भूमिहार वोट यहां की मुख्य कड़ी हैं और इस बात का सबूत है कि पिछले 16 लोकसभा चुनावों में से कम से कम 11 में नौ बार भूमिहार सांसद बने हैं.2009 में अंतिम परिसीमन से पहले बेगूसराय जिले में दो संसदीय सीटें बेगूसराय और बलिया सीट थीं. तब उन दोनों को मिलाकर बेगूसराय कर दिया गया और बलिया सीट खत्म हो गई. बेगूसराय जिले की सात विधानसभा सीटों में से पांच बलिया में आती हैं.
Video: संकल्प पत्र में जन-मन की बात
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