गोवा (Goa) में मंगलवार को आधी रात के बाद 'पॉलिटिकल ड्रामा' चला. देर रात सहयोगी दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) के BJP में विलय की पटकथा लिखी जानी शुरू हुई और एक बजकर 45 मिनट पर इसे अंजाम भी दे दिया गया. आधी रात बाद महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) के दो-तिहाई विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंच गए और कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय करने का फैसला किया है. कुल तीन विधायकों वाली इस पार्टी के दो विधायकों ने अपने हस्ताक्षर का पत्र भी स्पीकर माइकल लोबो को सौंपा. एकमात्र जिस विधायक का हस्ताक्षर इसमें नहीं रहा, वह इस वक्त बीजेपी सरकार में सहयोगी दल के कोटे से डिप्टी सीएम सुदिन धवलीकर हैं. नियमों के मुताबिक अगर किसी पार्टी के दो-तिहाई विधायक अलग होकर दल बनाते हैं तो उन पर दल-बदल कानून लागू नहीं होता और जिससे उनकी सदस्यता रद्द नहीं होती. बताया जा रहा है कि एमजीपी के कुल तीन में से दो विधायकों के अलग होने के कारण इस मामले में अब दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती.
MGP MLAs Manohar Ajgaonkar & Deepak Pauskar in a letter to the Speaker of Goa Legislative Assembly: We have agreed to merge Maharashtrawadi Gomantak Legislative Party (MGP) with BJP. Total strength of Legislators of MGP is three members & we constitute 2/3rd of the members. pic.twitter.com/b2JWoX7SEi
— ANI (@ANI) March 26, 2019
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Michael Lobo, Goa Dy Speaker&BJP MLA on merger of Maharashtrawadi Gomantak Legislative Party with BJP: MGP's legislative wing has split. 2/3rd of MGP legislators formed a separate group&they're merging it with BJP. All formalities as per Constitution of India have been completed. pic.twitter.com/DMszKPanbJ
— ANI (@ANI) March 26, 2019
दरअसल, MGP विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक ने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा. कहा कि हम महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (Maharashtrawadi Gomantak Party) का बीजेपी में विलय करने को सहमत हुए हैं.एमजीपी में कुल तीन विधायक हैं, जिसमें हम दो-तिहाई सदस्यों ने यह फैसला किया है. गोवा के डिप्टी स्पीकर और बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने एमजीपी के टूटने की पुष्टि करते हुए कहा कि दो तिहाई विधायकों ने अलग पार्टी बनाकर बीजेपी में विलय कर लिया है. संविधान के अनुसार सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एमजीपी के विलय पर कहा कि पार्टी के दो विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक ने बीजेपी ज्वॉइन किया है. ताकि सरकार को स्थिरता मिल सके. अब बीजेपी का संख्या बल 14 तक पहुंच गया है. गोवा के टूरिज्म मिनिस्टर और एमजीपी विधायक मनोहर अजगांवकर ने कहा कि अगली सरकार भाजपा ही बनाएगी. क्योंकि वह(पीएम मोदी) जहां भी जाते हैं, लोग मोदी-मोदी कहते हैं. मोदी की वजह से ही गोवा में बीजेपी का विकास हुआ है.उन्होंने कहा कि एक दलित नेता के रूप में मैं एमजीपी में असुरक्षित महसूस कर रहा था.
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इस घटना पर कांग्रेस नेता सुनील कावथंकर ने कहा कि भाजपा ने साबित कर दिया है कि वह अपने सहयोगी दलों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए के सभी घटक दलों के लिए यह स्पष्ट संकेत है कि बीजेपी के साथ साझेदारी उनकी अपनी पार्टी के अस्तित्व के लिए हानिकारक साबित होगी. बीजेपी में पार्टी के विलय के बाद एमजीपी विधायक दीपक ने कहा कि हम इस फैसले से खुश हैं. हम 12 बजे(बुधवार) राज्यपाल की मौजूदगी में शपथ लेंगे. मुख्यमंत्री जो भी विभाग देंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे. एमजीपी 2012 से ही बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही है. यानी एमजीपी से बीजेपी में आने पर विधायक दीपक को बीजेपी ने मंत्री पद का ऑफर दिया है. बता दें कि मनोहर पर्रिकर का निधन होने के बाद बीजेपी ने प्रमोद सावंत को सीएम बनाया. कुल 36 सदस्यों वाली वर्तमान विधानसभा में प्रमोद सावंत सरकार 20 विधायकों का समर्थन हासिल कर बहुमत सिद्ध कर चुकी है. बीजेपी के पास अब 14 विधायक हैं तो अन्य विधायक गोवा फारवर्ड पार्टी और निर्दलीय हैं.
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