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This Article is From Apr 20, 2019

मोदी-शाह की जोड़ी अगर सत्ता में आती है तो कांग्रेस होगी इसके लिये जिम्मेदार: AAP

आम आदमी पार्टी यानी आप ने पंजाब के बाद हरियाणा में भी गठबंधन के लिए कांग्रेस के इंकार करने के बाद सिर्फ़ दिल्ली में गठबंधन की संभावना को नकारते हुये कहा है कि अगर चुनाव बाद भाजपा फिर से सत्तारूढ़ होती है तो इसके लिये कांग्रेस जिम्मेदार होगी.

Aap Congress Alliance Delhi : Manish Sisodia, Aarvind kejriwal (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी यानी आप (AAP) ने पंजाब के बाद हरियाणा में भी गठबंधन के लिए कांग्रेस के इंकार करने के बाद सिर्फ़ दिल्ली में गठबंधन की संभावना को नकारते हुये कहा है कि अगर चुनाव बाद भाजपा फिर से सत्तारूढ़ होती है तो इसके लिये कांग्रेस जिम्मेदार होगी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं आप (AAP) नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शनिवार को कहा, “कांग्रेस ने कल (शुक्रवार की) रात हरियाणा में भी आप (AAP) के साथ गठबंधन से इंकार कर दिया है, ऐसे में सिर्फ़ दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन के लिए आप तैयार नहीं है.” 

मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘आप (AAP) ने सिर्फ़ ‘मोदी-शाह' की जोड़ी को फिर से सत्ता में आने से रोकने के लिये गठबंधन की पहल की थी, लेकिन कांग्रेस सीटों के गणित में लगी है. उसका मक़सद मोदी-शाह की जोड़ी के ख़तरे से देश को बचाना नहीं है.' बहरहाल, उन्होंने अब भी गठबंधन की बातचीत पर पूर्णविराम लगने के सवाल पर कहा, “हमने अपनी तरफ़ से हर संभव प्रयास कर लिया है. अब कांग्रेस के ऊपर है कि वह क्या करती है. मुझे नहीं लगता है कि कांग्रेस भाजपा को रोकने के लिए संजीदा है.”    

सिर्फ दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी तैयार नहीं है : मनीष सिसोदिया

इस दौरान गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अगर चुनाव बाद मोदी शाह की जोड़ी सत्ता में वापसी करती है तो इसके लिये कांग्रेस जिम्मेदार होगी. संजय सिंह ने कहा, ‘देश के टुकड़े-टुकड़े करने की मंशा रखने वाली, शहीद हेमंत करकरे जैसे योद्धाओं की शहादत का अपमान करने वाली पार्टी फिर से सरकार बनाती है तो इसकी ज़िम्मेदार कांग्रेस होगी."    

संजय सिंह ने कहा, ‘कल कांग्रेस ने पंजाब और हरियाणा में गठबंधन का अध्याय बंद कर दिया है. हमें नहीं समझ आ रहा है कि कांग्रेस, मोदी-शाह की जोड़ी को सत्ता में आने की संभावना को ज़िंदा क्यों रख रही है.” उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस की एक भी सीट नहीं है फिर भी तीन सीट मांग रही है जबकि पंजाब में आप के चार सांसद और 20 विधायक हैं, फिर भी आप को एक भी सीट नहीं दे रहे हैं.    

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मनीष सिसोदिया ने गठबंधन को लेकर अब तक की बातचीत का ब्योरा देते हुये बताया कि आप ने कांग्रेस के साथ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर सैद्धांतिक मतभेद होने के बावजूद भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे से देश को टूटने के खतरे से बचाने के लिये गठबंधन की पहल की थी. उन्होंने कहा कि इसके लिये पार्टी ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा और चंडीगढ़ की 33 लोकसभा सीटों पर भाजपा को हराने के लिये कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन की पेशकश की. कांग्रेस ने पहले, पंजाब एवं गोवा में और फिर हरियाणा में समय खराब किया. कांग्रेस अंदरूनी तौर पर खुद मानती है कि हरियाणा में उनकी हालत बहुत खराब है. जींद के उपचुनाव में आप और जजपा से पीछे रही कांग्रेस को इसका साफ संकेत भी मिल गया. 

मनीष सिसोदिया ने कहा कि हरियाणा में मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर कई फार्मूलों पर बातचीत के बाद कांग्रेस और जेजेपी हरियाणा में 7-2-1 के फार्मूले (कांग्रेस सात, जेजेपी दो और आप एक) पर तैयार हो गयी. लेकिन शुक्रवार रात कांग्रेस इससे भी मुकर गयी. सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस से मिले संदेश में कहा गया है कि पार्टी सिर्फ दिल्ली में आप को चार सीट देने के लिये तैयार है. इससे साफ है कि कांग्रेस गठबंधन के लिये तैयार नहीं है. सिसोदिया ने कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अंतिम दौर की बातचीत के लिये आप प्रत्याशियों के नामांकन को सोमवार तक के लिये स्थगित करने के फैसले में बदलाव के सवाल पर कहा कि नामांकन सोमवार को ही होगा. स्पष्ट है कि कांग्रेस को उसके रुख पर पुनर्विचार के लिये आप द्वारा शुक्रवार को सोमवार तक के लिये दी गयी मोहलत का विकल्प अभी बरकरार है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिये आप का यह अंतिम प्रयास है.

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