बीजेपी (BJP) के ही विधायक पर भरी सभा में जूते बरसाकर सुर्खियों में आए पार्टी के सांसद शरद त्रिपाठी (BJP MP Sharad Tripathi) यूं तो संत कबीर दास पर किताब लिख चुके हैं, शायद शिक्षाओं पर अमल करना भूल गए. नहीं तो भरी सभा में अपनी ही पार्टी के विधायक पर जूता चलाकर न खुद की फजीहत कराते और न ही चुनावी मौसम में पार्टी को असहज करते. संत कबीरनगर सीट से सांसद शरद त्रिपाठी (Sharad Tripathi) उत्तर-प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी के बेटे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में हरिशंकर तिवारी के बेटे भीमशंकर उर्फ कुशल तिवारी को करीब 98 हजार वोटों से हराकर पहली बार संसद में पहुंचे शरद त्रिपाठी का यूं तो संसदीय रिकॉर्ड अच्छा रहा है. चाहे सदन में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा हाजिरी हो या फिर डिबेट में भाग लेने के साथ सवाल उठाना.मगर जिस तरह से उन्होंने बुधवार को जनपद में विकास योजनाओं की मीटिंग के दौरान प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन और डीएम की मौजूदगी में सरेआम पार्टी विधायक राकेश बघेल की जूते से पिटाई की, उससे वह अपने आचरण को लेकर गंभीर रूप से फंस गए हैं. अटकलें लग रहीं हैं कि घटना के बाद पार्टी इस बार उनका टिकट काट सकती है. शरद के पिता रमापति राम त्रिपाठी 2007 से 2010 तक यूपी बीजेपी के अध्यक्ष रहे.
VIDEO: BJP सांसद ने संतकबीर नगर मेंअपनी ही पार्टी के विधायक को जूते से पीटा
पीएम मोदी ने किया था किताब का विमोचन
घाघरा, राप्ती नदियों के किनारे बसे संत कबीनरगर जिले का नाम संत कबीरदास के नाम पर पड़ा है. यूं कहें कि इस जिले की पहचान ही अपने दोहों से धार्मिक कर्मकांडों पर चोट और दुनिया का मार्गदर्शन करने वाले संत कबीरदास की वजह से है. मोक्षदायनी काशी में लगभग जीवन गुजार देने वाले कबीर दास जीवन के आखिरी क्षणों के लिए इसी जिले के मगहर में चले आए थे. इसके पीछे कबीर का मकसद उस अंधविश्वास को तोड़ना था, जिसमें कहा जाता था कि मगहर बहुत अपवित्र है और यहां मरने वाला इंसान गधा होता है. संत कबीर नगर में कबीर से जुड़े सर्वाधिक 112 मठ हैं. शायद यही वजह है कि सांसद शरद त्रिपाठी ने जिंदगी की पहली किताब लिखी भी तो कबीर दास पर. उनकी किताब-'कबीर से एक मुलाकात' की प्रस्तावना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी.
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पिछले साल 28 जून, 2018 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत कबीरनगर के मगहर में पहुंचे थे तो उन्होंने शरद त्रिपाठी (Sharad Tripathi) की किताब का विमोचन किया था.जिसके बाद सांसद त्रिपाठी ने कहा था कि संतकबीर दास के विचारों को दुनिया तक पहुंचाने के लिए उन्होंने किताब लिखने की कोशिश की. पीएम मोदी के हाथों किताब का विमोचन होने से कबीर की निर्वाण स्थली गौरवान्वित महसूस कर रही है. सांसद की किताब की प्रस्तावना में पीएम मोदी ने लिखा है- उच्च मानवीय आदर्शों से भरे कबीर के विचार आज सैकड़ों वर्षों बाद भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं. मानवीय संवेदनाओं से भरे कबीर के दोहों ने तत्कालीन समाज में नई चेतना भरने का काम किया है.
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और भी जानिए सांसद के बारे में
सांसद शरद त्रिपाठी (Sharad Tripathi) फुर्सत के पल में गीत-संगीत सुनने के शौकीन हैं. खुद यह जानकारी वह कई बार दे चुके हैं. 19 फरवरी 1998 को रीता त्रिपाठी से शादी के बाद दो बेटे और बेटियां हैं. लोकसभा में अटेंडेंस का राष्ट्रीय औसत भले 80 प्रतिशत रहा हो, मगर उन्होंने 97 प्रतिशत हाजिरी लगाई. 660 डिबेट में हिस्सा लिए और 291 सवाल पूछे हैं. कानपुर विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हैं. नौ जनवरी 1971 की जन्मतिथि के हिसाब से करीब 47 साल के हैं. विदेश मामलों की स्थायी समिति के सदस्य के साथ वह ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता पर सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं. 12 जून 2017 को हाउस कमेटी के भी मेंबर नियुक्त हुए. खेलकूद में भी गहरी रूचि रखते हैं. अपने जिले की फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. संपत्ति की बात करें तो 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान उन्होंने कुल संपत्ति 36.26 लाख दिखाई थी. 2014 के चुनाव में वह भीमशंकर उर्फ कुशल तिवारी को हराकर 16 वीं लोकसभा में पहुंचे.
वीडियो- संतकबीर नगर में बीजेपी सांसद ने विधायक को जूते से पीटा
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