देश के चुनाव पर पैनी नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने 9 अप्रैल को चिट्ठी लिखकर चुनाव आयोग से 7 राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की शिकायत की है. इस चिट्ठी में कहा गया है कि पहले चरण के मतदान से पहले 7 राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अपने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों से जुड़ी जानकारी सार्वजानिक नहीं की है. एडीआर ने बताया कि पहले चरण में पहले चरण में 213 (17 %) उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं. संस्था की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितम्बर, 2018 को राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि उनके उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़ी जानकारी सार्वजानिक करना अनिवार्य है. चुनाव आयोग ने 10 अक्टूबर, 2018 को सभी राज्यों को प्रमुख चुनाव अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन करने को कहा था. 9 अप्रैल की शाम तक सिर्फ बीजेपी की तेलंगाना इकाई ने अपनी वेबसाइट पर अपने 30 में से 8 अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जानकारी दी.
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वहीं कांग्रेस, बसपा, एनसीपी, सीपीआई, सीपीआई (एम) ने अपने अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जानकारी जारी नहीं की. आयोग ने 29 मार्च से 9 अप्रैल के बीच फेज 1 के चुनाव के लिए 3 अलग-अलग दिन आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया था. एडीआर ने चुनाव आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
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आपको बता दें कि देश लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान (1st Phase Lok Sabha Election 2019 Voting)जारी है. पहले चरण की वोटिंग में 20 राज्यों की 91 सीटों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. 91 लोकसभा सीटों पर कुल 1279 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
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