नई दिल्ली:
विदेश सेवा के अधिकारी के तौर पर विभिन्न देशों में सेवा देने के दौरान भी राजनयिक मधुप मोहता का हिंदी और कविता प्रेम नहीं छूटा और वह प्रेम कविताएं लिखते रहे जिन्हें अब पुस्तक की शक्ल में प्रकाशित किया गया है. काव्य-संग्रह 'तुम्हारे लिए, बस' की 76 कविताओं में अधिकतर प्रेम पर केंद्रित हैं और इन हिंदी कविताओं में उर्दू के जाने-पहचाने शब्द भी हैं.
लंबे अरसे में लिखी इन कविताओं में कई तो ऐसी हैं जो एक देश में लिखी जानी शुरू हुईं तो दूसरे देश में खत्म हुईं. इनमें प्रेम के साथ प्रकृति और मौसम पर भी कुछ कविताएं लिखी गयी हैं. 'तुम्हारे लिए, बस' का विमोचन पिछले सप्ताह पद्म विभूषण उस्ताद अमजद अली खान की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में किया गया. इस अवसर पर विदेश मंत्रालय में सचिव ज्ञानेश्वर मुले समेत कई राजनयिक और साहित्यकार उपस्थित थे.
समारोह में गायिका गीता सेतिया द्वारा गाये गये और संगीतबद्ध किये गये मोहता के गीतों पर आधारित एलबम 'तुम्हारे प्यार का मौसम' का भी विमोचन किया गया. मोहता के मुताबिक उन्होंने पद्मभूषण गोपाल दास नीरज को अपनी कविताएं सुनाईं और उन्हें जो कविताएं अच्छी लगीं, उन पर अन्य कुछ बड़े कवियों की राय लेकर उन्हें काव्य-संकलन का रूप देने का प्रयास किया गया.
लंबे अरसे में लिखी इन कविताओं में कई तो ऐसी हैं जो एक देश में लिखी जानी शुरू हुईं तो दूसरे देश में खत्म हुईं. इनमें प्रेम के साथ प्रकृति और मौसम पर भी कुछ कविताएं लिखी गयी हैं. 'तुम्हारे लिए, बस' का विमोचन पिछले सप्ताह पद्म विभूषण उस्ताद अमजद अली खान की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में किया गया. इस अवसर पर विदेश मंत्रालय में सचिव ज्ञानेश्वर मुले समेत कई राजनयिक और साहित्यकार उपस्थित थे.
समारोह में गायिका गीता सेतिया द्वारा गाये गये और संगीतबद्ध किये गये मोहता के गीतों पर आधारित एलबम 'तुम्हारे प्यार का मौसम' का भी विमोचन किया गया. मोहता के मुताबिक उन्होंने पद्मभूषण गोपाल दास नीरज को अपनी कविताएं सुनाईं और उन्हें जो कविताएं अच्छी लगीं, उन पर अन्य कुछ बड़े कवियों की राय लेकर उन्हें काव्य-संकलन का रूप देने का प्रयास किया गया.
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