पटना:
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित 23 वें पटना पुस्तक मेले के चौथे दिन स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए कथा लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया, वहीं रंगमंच पर 'मशीन' नाटक का मंचन किया गया. सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित पटना पुस्तक मेले में भी 18 हजार से ज्यादा पुस्तक प्रेमी पहुंचे और सजी 'किताबों की दुनिया' का आनंद लिया.
मेला परिसर में कथाकार सुमन वाजपेयी ने बच्चों को कहानी लिखने की कला की बारीकियों से अवगत कराया. 'मसि संस्था' द्वारा बच्चों के लिए आयोजित कथा लेखन कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों में साहित्य के प्रति रुचि और उनमें कथा लेखन का विकास करना है. इस कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों से आए बच्चों ने हिस्सा लिया.
कथाकार वाजपेयी ने कहा कि कहानियां जीवन की सच्चाइयों से ही ली गई होती हैं, लेकिन इसमें विस्तार और रोचकता बनाए रखने के लिए कल्पनाओं की मदद ली जाती है.
इसके अलावा परिसर में 'मशीन' नाटक का मंचन किया गया, जिसमें कलाकारों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी. सफदर हाशमी द्वारा लिखित और क्षितिज प्रकाश द्वारा निर्देशित इस नाटक में मजदूरों के दर्द को बयां किया गया है. इस नाटक के जरिए मजदूरों के आंदोलनों से जुड़ने की लोगों से अपील की गई है.
इस नाटक में गुलशन कुमार, रंधीर कुमार प्रभाकर, शिवम सोनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उल्लेखनीय है कि यह मेला चार फरवरी को शुरू हुआ, जो 14 फरवरी तक चलेगा. इस पुस्तक मेले में 300 प्रकाशकों ने भाग लिया है.
एजेंसी से इनपुट
मेला परिसर में कथाकार सुमन वाजपेयी ने बच्चों को कहानी लिखने की कला की बारीकियों से अवगत कराया. 'मसि संस्था' द्वारा बच्चों के लिए आयोजित कथा लेखन कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों में साहित्य के प्रति रुचि और उनमें कथा लेखन का विकास करना है. इस कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों से आए बच्चों ने हिस्सा लिया.
कथाकार वाजपेयी ने कहा कि कहानियां जीवन की सच्चाइयों से ही ली गई होती हैं, लेकिन इसमें विस्तार और रोचकता बनाए रखने के लिए कल्पनाओं की मदद ली जाती है.
इसके अलावा परिसर में 'मशीन' नाटक का मंचन किया गया, जिसमें कलाकारों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी. सफदर हाशमी द्वारा लिखित और क्षितिज प्रकाश द्वारा निर्देशित इस नाटक में मजदूरों के दर्द को बयां किया गया है. इस नाटक के जरिए मजदूरों के आंदोलनों से जुड़ने की लोगों से अपील की गई है.
इस नाटक में गुलशन कुमार, रंधीर कुमार प्रभाकर, शिवम सोनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उल्लेखनीय है कि यह मेला चार फरवरी को शुरू हुआ, जो 14 फरवरी तक चलेगा. इस पुस्तक मेले में 300 प्रकाशकों ने भाग लिया है.
एजेंसी से इनपुट
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं