प्रतीकात्मक तस्वीर
संस्कृत साहित्य के विख्यात अनुवादक एएनडी हक्सर ने 11वीं शताब्दी की एक संस्कृत किताब का अनुवाद अंग्रेजी में किया है. प्रसिद्ध कश्मीरी कवि क्षेमेंद्र की रचना ''दर्प दलन'' का अंग्रेजी में अनुवाद हुआ है.
'दर्प दलन' की रचना 11वीं शताब्दी में की गई थी, यह एक व्यंग्यात्मक किताब है, जिसमें मानवीय व्यवहार के बारे में संस्कृत में लिखा गया है. यह क्षेमेंद्र की व्यंग्यात्मक कविताओं का एक हिस्सा है.
जर्मन भाषा में हो चुका है अनुवाद
इस किताब का पहली बार प्रकाशन 1890 में हुआ था, जिसका अनुवाद जर्मन भाषा में 1915 में हुआ. लेकिन इस किताब पर व्यापक टिप्पणी 70 साल बाद कनाडा के विद्वान एके वार्डर की स्मारकीय ‘‘इंडियन काव्य ल्रिटेचर’’ में हुई.
‘द एंडिंग ऑफ एरोगेंस’ से अंग्रेज़ी अनुवाद
हक्सर कहते हैं, ‘‘ इस किताब का प्रकाशन अंग्रेजी में रसाला बुक्स के द्वारा ‘द एंडिंग ऑफ एरोगेंस’ नाम से किया गया है. इस किताब में दर्प दलन का शायद पहली बार पूरा अनुवाद किया गया है. हक्सर के अनुसार हर एक पद्य का अनुवाद किया गया ह
'दर्प दलन' की रचना 11वीं शताब्दी में की गई थी, यह एक व्यंग्यात्मक किताब है, जिसमें मानवीय व्यवहार के बारे में संस्कृत में लिखा गया है. यह क्षेमेंद्र की व्यंग्यात्मक कविताओं का एक हिस्सा है.
जर्मन भाषा में हो चुका है अनुवाद
इस किताब का पहली बार प्रकाशन 1890 में हुआ था, जिसका अनुवाद जर्मन भाषा में 1915 में हुआ. लेकिन इस किताब पर व्यापक टिप्पणी 70 साल बाद कनाडा के विद्वान एके वार्डर की स्मारकीय ‘‘इंडियन काव्य ल्रिटेचर’’ में हुई.
‘द एंडिंग ऑफ एरोगेंस’ से अंग्रेज़ी अनुवाद
हक्सर कहते हैं, ‘‘ इस किताब का प्रकाशन अंग्रेजी में रसाला बुक्स के द्वारा ‘द एंडिंग ऑफ एरोगेंस’ नाम से किया गया है. इस किताब में दर्प दलन का शायद पहली बार पूरा अनुवाद किया गया है. हक्सर के अनुसार हर एक पद्य का अनुवाद किया गया ह
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं