नई दिल्ली:
जानेमाने रूसी कवि व निबंधकार मैक्सिम अमेलिन ने रूसी पाठकों के बीच वर्तमान भारतीय लेखकों के बारे में जानकारी नहीं होने पर दुख जताया और साथ ही इसके लिए दोनों देशों के 'प्रत्यक्ष संवाद' नहीं होने को जिम्मेदार ठहराया है.
क्यों हो रहा है ऐसा
अमेलिन ने कहा, वर्तमान लेखकों में से कुछ को ही रूस और उसी कारण से यूरोप में लोकप्रियता हासिल है, उदाहरण के लिए अरूंधति राय. ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी लेखनी का देशी भाषा में अनुवाद होता है. अमेलिन ने 41वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला के इतर कहा, यह रवींद्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चटर्जी और शरत चंद्र चटोपाध्याय की स्थिति से बहुत अलग है जिनकी कृतियां रूस एवं कई अन्य यूरोपीय देशों में बहुत लोकप्रिय थीं.
किन भारतीय लेखकों के बारे में है लोगों को जानकारी
उन्होंने कहा, केवल उन वर्तमान भारतीय लेखकों के बारे में लोगों को जानकारी है जिनकी लेखनी यूरोप या अमेरिका में प्रकाशित होती हैं, जबकि दोनों देशों के बीच कोई प्रत्यक्ष संवाद नहीं होने के चलते बड़ी संख्या में अन्य लेखकों के बारे में लोगों को कोई जानकारी नहीं है.
(इनपुट एजेंसियों से)
क्यों हो रहा है ऐसा
अमेलिन ने कहा, वर्तमान लेखकों में से कुछ को ही रूस और उसी कारण से यूरोप में लोकप्रियता हासिल है, उदाहरण के लिए अरूंधति राय. ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी लेखनी का देशी भाषा में अनुवाद होता है. अमेलिन ने 41वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला के इतर कहा, यह रवींद्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चटर्जी और शरत चंद्र चटोपाध्याय की स्थिति से बहुत अलग है जिनकी कृतियां रूस एवं कई अन्य यूरोपीय देशों में बहुत लोकप्रिय थीं.
किन भारतीय लेखकों के बारे में है लोगों को जानकारी
उन्होंने कहा, केवल उन वर्तमान भारतीय लेखकों के बारे में लोगों को जानकारी है जिनकी लेखनी यूरोप या अमेरिका में प्रकाशित होती हैं, जबकि दोनों देशों के बीच कोई प्रत्यक्ष संवाद नहीं होने के चलते बड़ी संख्या में अन्य लेखकों के बारे में लोगों को कोई जानकारी नहीं है.
(इनपुट एजेंसियों से)
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