विज्ञापन
This Article is From Jan 14, 2017

वर्ल्‍ड बुक फेयर में हुआ 11 काव्य संग्रहों का लोकार्पण

वर्ल्‍ड बुक फेयर में हुआ 11 काव्य संग्रहों का लोकार्पण
नई दिल्‍ली: विश्व पुस्तक मेले के सातवें दिन राजकमल प्रकाशन समूह पर आलोचक नामवर सिंह द्वारा 11 लेखकों के काव्य संग्रहों का लोकार्पण किया. काव्य संग्रहों में गीत चतुर्वेदी की 'न्यूनतम मैं', दिनेश कुशवाह की 'इतिहास में अभागे', आर. चेतनक्रांति की 'वीरता पर विचलित', प्रेम रंजन अनिमेष की 'बिना मुंडेर की छत', राकेश रंजन की 'दिव्य कैदखाने में', विवेक निराला की 'धुव्र तारा जल में', सविता भार्गव की 'अपने आकाश में', समर्थ वशिष्ठ की 'सपने मे पिया पानी', मोनिका सिंह की 'लम्स', प्रकृति करगेती की 'शहर और शिकायतें' और पवन करण की 'इस तरह मैं' का लोकार्पण आलोचक नामवर सिंह द्वारा राजकमल प्रकाशन के पंडाल पर हुआ. उपस्थिति लेखकों ने अपने अपने किताबों से कुछ अंश लोगों के सामने प्रस्तुत किए.

नामवर सिंह ने कहा, "पुस्तक मेले में मैं हर साल आता हूं. मुख्य रूप से अपने प्रकाशन संस्थान राजकमल प्रकाशन, मेरी सारी किताबें यही से प्रकाशित हुई हैं. हिंदी साहित्य के क्षेत्र में राजकमल सर्वोच्च माना गया है." साथ ही उन्होंने लेखकों को अपनी तरफ से उनके उपन्यासों के लिए बधाई दी.

शनिवार के कार्यक्रम : हॉल 12-12 ए, राजकमल प्रकाशन के स्टॉल 303-318 पर 3-4 बजे क्षितिज रॉय के उपन्यास 'गंदी बात' का लोकार्पण गीतकार प्रशांत इंगोले करेंगे. प्रशांत इंगोले फिल्म 'मैरी कॉम' और 'बाजीराव मस्तानी' के गानों से मशहूर हुए हैं.

'गंदी बात' राधाकृष्ण प्रकाशन के 'फंडा' उपक्रम से प्रकाशित है. इसमें पहला उपन्यास 'नॉन रेजिडेंट बिहारी' 2016 में छपा था, जो अब तक पांच हजार पाठकों के हाथों में है. फंडा आम पाठकों के लिए मनोरंजन प्रधान, स्तरीय कथा साहित्य का प्रकाशन करता आया है.

राजकमल प्रकाशन ने अपने स्टाल पर पाठकों के लिए एक अनोखी स्कीम 'सेल्फी पॉइंट' चलाई है. 'हिंदी हैं हम' पर फोटो लेकर फेसबुक पर पोस्ट करने पर किताबों पर पांच प्रतिशत की छूट दी जा रही है.

बुक फेयर से जुड़ी और खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
ग्रुप फोटो में दिख रही उदास लड़की से हुआ प्यार, ढूंढा पता बिना खत बिना तार, सुनो चारुशीला लिखने वाले इस कवि की प्रेम में ‘विजय’ पाने की है अजब कहानी
वर्ल्‍ड बुक फेयर में हुआ 11 काव्य संग्रहों का लोकार्पण
जब रामधारी सिंह दिनकर ने कहा- ''अच्छे लगते मार्क्स, किंतु है अधिक प्रेम गांधी से..''
Next Article
जब रामधारी सिंह दिनकर ने कहा- ''अच्छे लगते मार्क्स, किंतु है अधिक प्रेम गांधी से..''
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com