ब्रिटेन के मशहूर पेंटर, लेखक बलराज खन्ना ने विभाजन की त्रासदी को किताब पर उतारा

उनका यह वादा करीब 70 वर्ष बाद लाइन ऑफ ब्लड के साथ पूरा हुआ पिलम्पसेस्ट द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक 1947 में विभाजन से पूर्व पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव और पीड़ा की याद दिलाती है.

ब्रिटेन के मशहूर पेंटर, लेखक बलराज खन्ना ने विभाजन की त्रासदी को किताब पर उतारा

ब्रिटेन के मशहूर पेंटर, लेखक बलराज खन्ना ने विभाजन की त्रासदी को किताब पर उतारा

दिल्ली:

ब्रिटेन के मशहूर पेंटर, लेखक बलराज खन्ना महज सात वर्ष के थे जब उन्होंने विभाजन की त्रासदी को झेला था और उनका बलराज पर कुछ यूं असर हुआ कि उन्होंने उन खौफनाक यादों को कागज पर उतारने का खुद से वादा किया था. उनका यह वादा करीब 70 वर्ष बाद लाइन ऑफ ब्लड के साथ पूरा हुआ पिलम्पसेस्ट द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक 1947 में विभाजन से पूर्व पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव और पीड़ा की याद दिलाती है.

खन्ना ने बताया कि विभाजन ने छोटे से शहर कादियान (अब पाकिस्तान) में रहने वाले उनके परिवार को बुरी तरह से प्रभावित किया था और उसी दिन उन्होंने उन खौफनाक दिनों के बारे में बड़े होने पर पुस्तक लिखने का निर्णय किया था.

उन्होंने कहा, मुझे इतने वर्ष लगे पंजाब विभाजन की टीस को लिखने के लिए लेकिन इतने वक्त में मुझे यह स्पष्ट हो गया कि यह राजनीतिक अथवा ऐतिहासिक पुस्तक न हो कर पूरी तरह से फिक्शन होगी जो कि मिलजुल कर रहने वाले आम भारतीयों - हिन्दुओं र्कादियान में अल्पसंख्यकी, मुसलमान और सिखों पर केन्द्रित होगी.

खन्ना ने कहा कि, यह वो विधा है जो मेरी सोच और मेरी अभिव्यक्ति को बहुत सूट करती है. किताब के सारे पात्र वास्तविक हैं और उनमें से कुछ तो उनके परिवार के सदस्य भी हैं.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com