कोलकाता:
नोटबंदी का असर कोलकाता में आयोजित 41वें अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में किताबों की बिक्री पर भी हुआ और एक अधिकारी के अनुसार बिक्री में 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है. खुदरा बिक्री के लिहाज से यह दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला माना जाता है.
पुस्तक मेला के आयोजक निकाय 'पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड' के महासचिव त्रिदिब चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि 4 फरवरी तक किताबों की 16 करोड़ रुपये की बिक्री हुयी. उन्होंने कहा कि यह राशि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 20 प्रतिशत कम है.
नोटबंदी के कारण किताबों की बिक्री भले ही प्रभावित हुयी हो लेकिन मेले में आने वाले पुस्तक प्रेमियों की कोई कमी नहीं थी. 42वां अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला अगले साल 31 जनवरी से 11 फरवरी के बीच होगा जिसमें मित्र देश के रूप में फ्रांस होगा.
29 देशों ने लिया हिस्सा
इस साल कोलकाता के अन्तरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में 29 देशों से 80 से ज्यादा प्रकाशकों ने भाग लिया. इसके लिए बुक फेयर में 600 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे. पुस्तक मेले के दौरान 'पार्क सर्कस' से 'मिलन मेला' तक निःशुल्क बस सेवा भी चलाई गई थी.
(एजेंसियों से इनपुट)
पुस्तक मेला के आयोजक निकाय 'पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड' के महासचिव त्रिदिब चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि 4 फरवरी तक किताबों की 16 करोड़ रुपये की बिक्री हुयी. उन्होंने कहा कि यह राशि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 20 प्रतिशत कम है.
नोटबंदी के कारण किताबों की बिक्री भले ही प्रभावित हुयी हो लेकिन मेले में आने वाले पुस्तक प्रेमियों की कोई कमी नहीं थी. 42वां अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला अगले साल 31 जनवरी से 11 फरवरी के बीच होगा जिसमें मित्र देश के रूप में फ्रांस होगा.
29 देशों ने लिया हिस्सा
इस साल कोलकाता के अन्तरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में 29 देशों से 80 से ज्यादा प्रकाशकों ने भाग लिया. इसके लिए बुक फेयर में 600 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे. पुस्तक मेले के दौरान 'पार्क सर्कस' से 'मिलन मेला' तक निःशुल्क बस सेवा भी चलाई गई थी.
(एजेंसियों से इनपुट)
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