नयी दिल्ली:
हिंदी के प्रख्यात आलोचक, लेखक और विद्वान डॉ नामवर सिंह को साहित्य अकादेमी का महत्तर सदस्य (फैलोशिप) चुना गया है.
अकादमी के सचिव के श्रीनिवासन राव ने बताया, ‘‘साहित्य अकादेमी की सामान्य सभा की 22 फ़रवरी को हुई बैठक में हिंदी के प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह को अकादेमी के महत्तर सदस्य चुना गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘महत्तर सदस्य के रूप में एक समय में अकादेमी की मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं के कुल 21 सदस्य ही हो सकते हैं. इसलिए इसे प्रतिष्ठित माना जाता है.’’ सिंह हिंदी के प्रख्यात लेखक, आलोचक और विद्वान हैं. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है. वह दो बार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी रहे हैं.
सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों में हिंदी के प्रोफेसर रहे हैं. वह जनयुग (साप्ताहिक) और आलोचना पत्रिका के संपादन से भी जुड़े रहे हैं.
राव ने बताया कि उन्हें सम्मान स्वरूप उत्कीर्ण ताम्र फलक और अंगवस्त्रम प्रदान किया जाएगा.
अकादमी के सचिव के श्रीनिवासन राव ने बताया, ‘‘साहित्य अकादेमी की सामान्य सभा की 22 फ़रवरी को हुई बैठक में हिंदी के प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह को अकादेमी के महत्तर सदस्य चुना गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘महत्तर सदस्य के रूप में एक समय में अकादेमी की मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं के कुल 21 सदस्य ही हो सकते हैं. इसलिए इसे प्रतिष्ठित माना जाता है.’’ सिंह हिंदी के प्रख्यात लेखक, आलोचक और विद्वान हैं. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है. वह दो बार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी रहे हैं.
सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों में हिंदी के प्रोफेसर रहे हैं. वह जनयुग (साप्ताहिक) और आलोचना पत्रिका के संपादन से भी जुड़े रहे हैं.
राव ने बताया कि उन्हें सम्मान स्वरूप उत्कीर्ण ताम्र फलक और अंगवस्त्रम प्रदान किया जाएगा.
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