Namvar Singh
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Namvar Singh Poem: ठाठ बनारसिया नामवर सिंह की जयंती पर पढ़ें उनकी दिल छू लेने वाली कविता
- Monday July 28, 2025
Namvar Singh birth Anniversery: 28 जुलाई, 1926 को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के जीयनपुर गांव में जन्मे नामवर सिंह हिंदी साहित्य के उन मूर्धन्य विद्वानों में से थे, जिन्होंने अपनी बेबाकी, गहन अध्ययन और प्रखर बुद्धिमत्ता से साहित्यिक जगत को समृद्ध किया.
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आख़िरकार चले गए नामवर सिंह..
- Wednesday February 20, 2019
- Priyadarshan
हिंदी की आलोचना परंपरा में जो चीज़ नामवर सिंह को विशिष्ट और अद्वितीय बनाती है, वह उनकी सर्वसुलभ सार्वजनिकता है. वे किन्हीं अध्ययन कक्षों में बंद और पुस्तकों में मगन अध्येता और विद्वान नहीं थे, वे सार्वजनिक विमर्श के हर औजार का जैसे इस्तेमाल करते थे. उन्होंने किताबें लिखीं, अख़बारों और पत्रिकाओं में लेख लिखे और साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन किया.
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श्रद्धांजलिः साहित्यकार नामवर सिंह के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित किन हस्तियों ने क्या कहा?
- Wednesday February 20, 2019
- NDTVKhabar News Desk
प्रसिद्ध साहित्यकार नामवर सिंह के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित तमाम राजनीतिक, सामाजिक और साहित्यिक हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी है. सभी ने हिंदी साहित्य को समृद्ध करने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया.
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हिंदी के प्रख्यात आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह का निधन
- Wednesday February 20, 2019
- NDTVKhabar News Desk
हिंदी के विख्यात आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह (Namvar Singh) का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली. नामवर सिंह 93 वर्ष के थे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नामवर सिंह ने मंगलवार की रात 11.51 बजे आखिरी सांस ली.
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हम सबको सींचने वाले नामवर अस्पताल में हैं
- Thursday January 17, 2019
- Priyadarshan
नामवर सिंह अस्पताल में हैं. 92 बरस की उम्र में उन्हें सिर पर चोट लगी है. अगर प्रार्थना जैसी कोई चीज़ होती है तो हिंदी के संसार को उनके लिए प्रार्थना करनी चाहिए. हमारी पीढ़ी का दुर्भाग्य है कि हमने उन्हें उनके उत्तरार्द्ध में देखा- उस उम्र में जब उनकी तेजस्विता का सूर्य ढलान पर था.
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मशहूर आलोचक डॉ नामवर सिंह को दी गई साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्यता
- Tuesday March 28, 2017
हिंदी के प्रख्यात आलोचक, लेखक और विद्वान डॉ नामवर सिंह को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में साहित्य अकादमी की प्रतिष्ठित महत्तर सदस्यता (फैलोशिप) प्रदान की गई. इस मौके पर साहित्य आकदमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा, ‘‘नामवर सिंह की आलोचना जीवंत आलोचना है. भले ही लोग या तो उनसे सहमत हुए अथवा असहमत, लेकिन उनकी कभी उपेक्षा नहीं हुई.’’ इस मौके पर सिंह को सम्मान स्वरूप उत्कीर्ण ताम्र फलक और अंगवस्त्रम प्रदान किया गया.
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नामवर सिंह को चुना गया साहित्य अकादेमी का महत्तर सदस्य
- Sunday February 26, 2017
हिंदी के प्रख्यात आलोचक, लेखक और विद्वान डॉ नामवर सिंह को साहित्य अकादेमी का महत्तर सदस्य (फैलोशिप) चुना गया है. अकादमी के सचिव के श्रीनिवासन राव ने बताया, ‘‘साहित्य अकादेमी की सामान्य सभा की 22 फ़रवरी को हुई बैठक में हिंदी के प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह को अकादेमी के महत्तर सदस्य चुना गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘महत्तर सदस्य के रूप में एक समय में अकादेमी की मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं के कुल 21 सदस्य ही हो सकते हैं. इसलिए इसे प्रतिष्ठित माना जाता है.’’
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Namvar Singh Poem: ठाठ बनारसिया नामवर सिंह की जयंती पर पढ़ें उनकी दिल छू लेने वाली कविता
- Monday July 28, 2025
Namvar Singh birth Anniversery: 28 जुलाई, 1926 को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के जीयनपुर गांव में जन्मे नामवर सिंह हिंदी साहित्य के उन मूर्धन्य विद्वानों में से थे, जिन्होंने अपनी बेबाकी, गहन अध्ययन और प्रखर बुद्धिमत्ता से साहित्यिक जगत को समृद्ध किया.
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आख़िरकार चले गए नामवर सिंह..
- Wednesday February 20, 2019
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हिंदी की आलोचना परंपरा में जो चीज़ नामवर सिंह को विशिष्ट और अद्वितीय बनाती है, वह उनकी सर्वसुलभ सार्वजनिकता है. वे किन्हीं अध्ययन कक्षों में बंद और पुस्तकों में मगन अध्येता और विद्वान नहीं थे, वे सार्वजनिक विमर्श के हर औजार का जैसे इस्तेमाल करते थे. उन्होंने किताबें लिखीं, अख़बारों और पत्रिकाओं में लेख लिखे और साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन किया.
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श्रद्धांजलिः साहित्यकार नामवर सिंह के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित किन हस्तियों ने क्या कहा?
- Wednesday February 20, 2019
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प्रसिद्ध साहित्यकार नामवर सिंह के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित तमाम राजनीतिक, सामाजिक और साहित्यिक हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी है. सभी ने हिंदी साहित्य को समृद्ध करने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया.
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- Wednesday February 20, 2019
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हिंदी के विख्यात आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह (Namvar Singh) का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली. नामवर सिंह 93 वर्ष के थे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नामवर सिंह ने मंगलवार की रात 11.51 बजे आखिरी सांस ली.
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हम सबको सींचने वाले नामवर अस्पताल में हैं
- Thursday January 17, 2019
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नामवर सिंह अस्पताल में हैं. 92 बरस की उम्र में उन्हें सिर पर चोट लगी है. अगर प्रार्थना जैसी कोई चीज़ होती है तो हिंदी के संसार को उनके लिए प्रार्थना करनी चाहिए. हमारी पीढ़ी का दुर्भाग्य है कि हमने उन्हें उनके उत्तरार्द्ध में देखा- उस उम्र में जब उनकी तेजस्विता का सूर्य ढलान पर था.
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मशहूर आलोचक डॉ नामवर सिंह को दी गई साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्यता
- Tuesday March 28, 2017
हिंदी के प्रख्यात आलोचक, लेखक और विद्वान डॉ नामवर सिंह को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में साहित्य अकादमी की प्रतिष्ठित महत्तर सदस्यता (फैलोशिप) प्रदान की गई. इस मौके पर साहित्य आकदमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा, ‘‘नामवर सिंह की आलोचना जीवंत आलोचना है. भले ही लोग या तो उनसे सहमत हुए अथवा असहमत, लेकिन उनकी कभी उपेक्षा नहीं हुई.’’ इस मौके पर सिंह को सम्मान स्वरूप उत्कीर्ण ताम्र फलक और अंगवस्त्रम प्रदान किया गया.
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नामवर सिंह को चुना गया साहित्य अकादेमी का महत्तर सदस्य
- Sunday February 26, 2017
हिंदी के प्रख्यात आलोचक, लेखक और विद्वान डॉ नामवर सिंह को साहित्य अकादेमी का महत्तर सदस्य (फैलोशिप) चुना गया है. अकादमी के सचिव के श्रीनिवासन राव ने बताया, ‘‘साहित्य अकादेमी की सामान्य सभा की 22 फ़रवरी को हुई बैठक में हिंदी के प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह को अकादेमी के महत्तर सदस्य चुना गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘महत्तर सदस्य के रूप में एक समय में अकादेमी की मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं के कुल 21 सदस्य ही हो सकते हैं. इसलिए इसे प्रतिष्ठित माना जाता है.’’
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