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This Article is From Jul 08, 2017

8वां माउंटेन इकोज साहित्य उत्सव: मनाया जाएगा बेरोकटोक आवाजों का जश्न...

तीन दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में दुनिया के सबसे खुशहाल देश के हृदय के अनछुए सौंदर्य, अनजाने विचारों और बेरोकटोक आवाजों का जश्न मनाया जाएगा.

8वां माउंटेन इकोज साहित्य उत्सव:  मनाया जाएगा बेरोकटोक आवाजों का जश्न...
भूटान की राजधानी थिंपू में अगस्त में इंडिया-भूटान फाउंडेशन और भारत की जानी-मानी साहित्य कंसल्टेंसी-सियाही के सहयोग से 8वें माउंटेन इकोज साहित्य उत्सव का आयोजन किया  जाएगा, जिसमें दुनिया भर की कई नामी हस्तियां हिस्सा लेंगी. जेपी ग्रुप द्वारा प्रस्तुत राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग के सहयोग से होने वाले इस अनूठे उत्सव का आयोजन 25-27 अगस्त तक होगा और इसका उद्घाटन समारोह भूटान की खूबसूरत राजधानी थिंपू में 24 अगस्त को किया जाएगा.

तीन दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में दुनिया के सबसे खुशहाल देश के हृदय के अनछुए सौंदर्य, अनजाने विचारों और बेरोकटोक आवाजों का जश्न मनाया जाएगा.

इस साल इस साहित्योत्सव में जो प्रमुख हस्तियां भाग ले रही हैं, उनमें आस्ट्रेलियाई लेखक मार्कस जुसक, लंदन के लेखक तथा परफॉरमेंस कवि फ्रांसेस्का बियर्ड तथा अमेरिकी टेलीविजन होस्ट तथा लेखक पद्मा लक्ष्मी और भारत के लोकप्रिय लेखक अश्विन सांघी प्रमुख हैं.

भूटानी प्रतिनिधियों में महामहिम क्याब्जे खेदरुप रिनपोछे उग्येन तेन्जिन थिन्ले लेहन्डुप, जाने माने फोटोग्राफर और फिल्मकार पावो चोयनिंग दोरजी, सैंट्रल मोनेस्टिक बॉडी के खेंपो सोनम बुमधेन तथा भूटान के फैशन जगत के अग्रणी सितारे चिम्मी छोदेन एवं चंद्रिका तमांग शामिल हैं.

फेस्टिवल में भाग लेने वाले अन्य लेखकों में जाने माने पत्रकार तथा बैस्ट सेलर लीला के लेखक प्रयाग अकबर, अग्रणी माइथोलॉजिस्ट देवदत्त पटनायक, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता जेरी पिंटा और द हाइ प्रिस्टेस नेवर मैरीज तथा स्टोरीज ऑफ लव एंड कॉन्सीक्वेन्स की लेखक शरण्या मनिवन्नम शामिल हैं.

2017 के फेस्टिवल में उन विषयों पर चर्चा की जाएगी जो वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक हैं. जैसे पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक इतिहास, अध्यात्मिकता और ग्लोबल इवोल्यूशन ऑफ टैक्सटाइल्स एंड डिजाइन ट्रैडिशंस आदि और इस तरह इन तीन दिनों के दौरान साहित्योत्सव के मंच पर तरह-तरह की विशेषज्ञताओं और परिप्रेक्ष्यों को देखा जा सकता है.

माउंटेन इकोज लिटरेरी फेस्टिवल की स्थापना महारानी आशी दोरजी वांगमो वांग्चुक के संरक्षण में की गई थी और आठवें संस्करण का आयोजन सांस्कृतिक चर्चाओं के लिए सहयोगात्मक मंच उपलब्ध कराएगा, जिस पर विचारों, कथा-कहानियों और अनुभवों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया जाएगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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