भारत में जब सबसे ज्यादा जमीन के मालिक की बात होती है, तो आमतौर पर लोगों के दिमाग में बड़े उद्योगपति या अरबपति नाम आते हैं. लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. सरकारी रिकॉर्ड और उपलब्ध आंकड़ों को देखें, तो भारत में सबसे ज्यादा जमीन किसी एक व्यक्ति के पास नहीं, बल्कि सरकार और कुछ बड़ी संस्थाओं के पास है.
सबसे बड़ा भूमि स्वामी: भारत सरकार
भारत में सबसे ज्यादा जमीन सीधे तौर पर केंद्र सरकार के नियंत्रण में है. यह जमीन रक्षा, रेलवे, कोयला, स्टील, बंदरगाह, एयरपोर्ट और दूसरे सरकारी विभागों के पास दर्ज है. अलग-अलग मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों के पास फैली यह जमीन देश के बड़े हिस्से को कवर करती है. सैन्य छावनियां, रेलवे ट्रैक, स्टेशन, कॉलोनियां और सरकारी प्रोजेक्ट्स इसी जमीन का हिस्सा हैं.
सरकारी विभागों में कौन आगे
केंद्र सरकार के भीतर भी कुछ विभाग ऐसे हैं जिनके पास बहुत बड़ी जमीन है. भारतीय सशस्त्र बलों के पास देशभर में फैली विशाल भूमि है, जिसका इस्तेमाल प्रशिक्षण, सुरक्षा और सैन्य ढांचे के लिए किया जाता है. भारतीय रेलवे भी जमीन के मामले में सबसे बड़े मालिकों में शामिल है. रेलवे ट्रैक, स्टेशन, यार्ड और कर्मचारियों की कॉलोनियां मिलाकर रेलवे के पास लाखों एकड़ जमीन है.
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सबसे बड़ा गैर-सरकारी भूमि मालिक: कैथोलिक चर्च
अगर सरकार के बाहर सबसे बड़े भूमि मालिक की बात करें, तो कैथोलिक चर्च का नाम सामने आता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में चर्च के पास बड़ी मात्रा में जमीन है. इस जमीन का इस्तेमाल स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, चर्च और सामाजिक संस्थानों के लिए किया जाता है. यह जमीन ऐतिहासिक रूप से मिशनरी गतिविधियों और संस्थागत विकास के दौरान जमा हुई.
वक्फ बोर्ड भी बड़े भूमि मालिकों में शामिल
धार्मिक संस्थाओं में वक्फ बोर्ड भी बड़े भूमि मालिकों में गिना जाता है. वक्फ संपत्तियों में मस्जिदें, कब्रिस्तान, मदरसे और धार्मिक व सामाजिक उपयोग की जमीन शामिल है. देशभर में फैली वक्फ की संपत्तियां क्षेत्रफल के हिसाब से इसे बड़े भूमि स्वामियों की सूची में ऊंचा स्थान देती हैं.
उद्योगपति और कंपनियां कहां खड़ी हैं
दिलचस्प बात यह है कि देश के बड़े उद्योगपति और रियल एस्टेट कंपनियां जमीन के मामले में सरकार या धार्मिक संस्थाओं के आसपास भी नहीं पहुंचतीं. उनके पास शहरों या औद्योगिक इलाकों में बड़े भूखंड जरूर होते हैं, लेकिन देशव्यापी स्तर पर उनकी जमीन का दायरा सीमित रहता है.
किसानों के पास जमीन, लेकिन बंटी हुई
भारत में बड़ी संख्या में किसान हैं जिनके पास जमीन है, लेकिन यह जमीन छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटी हुई है. इसलिए सामूहिक रूप से किसान भूमि का बड़ा हिस्सा रखते हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर कोई किसान देश का सबसे बड़ा भूमि मालिक नहीं कहलाता.
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