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अल-फलाह का मतलब क्या होता है? जिस नाम की यूनिवर्सिटी से पकड़े गए आतंकी डॉक्टर

Meaning Of Al-Falah: फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब जांच एजेंसियों के रडार पर है, बताया जा रहा है कि यहां वित्तीय गड़बड़ी और बाकी चीजों की जांच की जाएगी.

अल-फलाह का मतलब क्या होता है? जिस नाम की यूनिवर्सिटी से पकड़े गए आतंकी डॉक्टर
Delhi Blast

Meaning Of Al-Falah: दिल्ली में हुए धमाके के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह-यूनिवर्सिटी भी एजेंसियों के रडार पर आ चुकी है. इस यूनिवर्सिटी के तार आतंकी मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं, जिसके बाद अब यहां ईडी की जांच हो सकती है. साथ ही सरकार ने यूनिवर्सिटी के फोरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया है. ये वही यूनिवर्सिटी है, जहां से दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था. जिनके ठिकानों से भारी विस्फोटक और हथियार बरामद हुए, वहीं तीसरा डॉक्टर उमर मोहम्मद था, जिसने दिल्ली के लाल किले के पास कार ब्लास्ट किया. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस यूनिवर्सिटी के नाम का यानी अल-फलाह का मतलब क्या होता है. 

क्या होता है अल-फलाह का मतलब?

फरीदाबाद की इस यूनिवर्सिटी का नाम अरबी शब्द पर रखा गया है. अल-फलाह अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब मोक्ष या फिर सफलता की तरफ जाना होता है. इस्लामिक परंपरा में इसके मायने काफी गहरे हैं. कई बार इस शब्द का इस्तेमाल अजान में बुलाने के तौर पर भी किया जाता है. अल्लाह के बताए रास्ते पर चलना और सफलता को पाने वाले के लिए अल-फलाह शब्द का इस्तेमाल होता है. 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार हुए डॉक्टर

फरीदाबाद में चलने वाली अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद तीसरे डॉक्टर उमर मोहम्मद की पुलिस तलाश कर रही थी, लेकिन वो किसी तरह दिल्ली में घुसा और लाल किले के पास आकर गाड़ी समेत खुद को विस्फोटक से उड़ा दिया. इस हमले में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं. 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में क्या होता है?

अल-फलाह यूनिवर्सिटी यूजीसी से मान्यता प्राप्त है. यहां अलग-अलग तरह के कई कोर्स कराए जाते हैं और एक मेडिकल कॉलेज भी है. इसी मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में तीनों आतंकी डॉक्टर काम कर रहे थे. अल-फलाह यूनिवर्सिटी करीब 70 एकड़ में फैली हुई है. इस यूनिवर्सिटी को एक ट्रस्ट चलाता है और जावेद अहमद सिद्दीकी इसके मैनेजिंग ट्रस्टी हैं. 2014 में हरियाणा सरकार की तरफ से इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया था. 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई 2019 से शुरू हुई थी. बताया गया है कि इस यूनिवर्सिटी में 40% डॉक्टर्स कश्मीर से हैं. फिलहाल ये यूनिवर्सिटी शक के घेरे में है और सुरक्षा एजेंसियां लगातार यहां एक्टिव हैं. हालांकि यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया है कि इस आतंकी घटना और पकड़े गए डॉक्टरों से उनका कोई लिंक नहीं है. 

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